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हरियाणा में सस्ते घर लेने का विकल्प हुआ ख़त्म, हाउसिंग बोर्ड को किया जायेगा शहरी विकास प्राधिकरण में मर्ज

The option of buying a cheap house in Haryana is over, the Housing Board will be merged with the Urban Development Authority

HOUSING BOARD
वहीं प्रदेश भर में 10 हजार अनसोल्ड फ्लैट भी हाउसिंग बोर्ड के पास है। हाउसिंग बोर्ड के HSVP में मर्ज होने पर लोगों के पास सस्ते घर खरीदने का विकल्प खत्म हो जाएगा। हाउसिंग बोर्ड 1971 में स्थापित हुआ था।
 

HARDUM HARYANA NEWS

हाउसिंग बोर्ड हरियाणा को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में मर्ज करने की प्रकिया चल पड़ी है। बाकायदा सरकार ने एक एजेंसी हायर करके हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टी की इवोल्यूशन की प्रकिया शुरू की हुई है। अभी तक हाउसिंग बोर्ड के पास पूरे हरियाणा में जो जगह है, उसकी कीमत करीब 235 करोड़ आंकी गई है।

वहीं प्रदेश भर में 10 हजार अनसोल्ड फ्लैट भी हाउसिंग बोर्ड के पास है। हाउसिंग बोर्ड के HSVP में मर्ज होने पर लोगों के पास सस्ते घर खरीदने का विकल्प खत्म हो जाएगा। हाउसिंग बोर्ड 1971 में स्थापित हुआ था।

हाउसिंग बोर्ड पर करीब 175 करोड़ से ज्यादा के रिफंड पेंडिंग है, जो कि एक्स सर्विस मैन और आम लोगों के हैं। यह सरेंडर किए गए प्लाटों के मालिक है। बोर्ड ने एक्स सर्विस मैन को करीब 40 करोड़ रुपए के रिफंड अभी हाल में दिए है। डिफेंस पर्सन के लिए स्कीमों और लैंड HSVP से मिली थी। उसे बोर्ड ने वापस करने की प्रकिया शुरू कर दी। जिसकी एवज में 100 करोड़ रुपए हाउसिंग बोर्ड को दिया भी है, ताकि हाउसिंग बोर्ड अपने रिफंड क्लियर कर सकें।

गुरुग्राम में 3, रेवाडी में 3, महेंद्रगढ में 3, झज्जर में 4, रोहतक 1, सांपला में 1, पलवल 1, फरीदाबाद में 3 स्क्रैप हो गई हैं। इन जगहों पर फ्लैट बनाने की बुकिंग 2014 में ली थी गई थी, परंतु इन प्रोजेक्टों में देरी हुई। इसके बाद डिफेंस पर्सन ने हाईकोर्ट में रिेट डाली थी। कोर्ट ने मूल राशि पर ब्याज सहित देने के आदेश दिए थे। जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने 40 करोड़ रुपए का रिफंड डिफेंस पर्सन को दिया।


हाउसिंग बोर्ड के प्रदेश भर में अनसोल्ड हाउसिंग फ्लैट पड़े हैं। हरियाणा में सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, अंबाला कैंट, यमुनानगर, सोहाना, रेवाडी, धारूहेड़ा में करीब 9,898 फ्लैट अनसोल्ड है। इनमें से ज्यादातर अनसोल्ड फ्लैटों की हालत खस्ता हो चुकी है, इनकी रिपेयर करवाने के लिए भी सरकार ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिए है। हाउसिंग बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है, जिसमें 9748 फ्लैट की रिपेयर पर 21 करोड़ 63 लाख रुपये का खर्च आएगा। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने फ्लैट की अनुमानित कीमत का ब्यौरा भी मुख्यालय में भेजा है।


हाउसिंग बोर्ड खुद नहीं करता जमीन की खरीद 
हाउसिंग बोर्ड अपनी खुद की जमीन नहीं खरीदता। उसे प्रोजेक्ट बनाने के लिए 3 प्रकार से जमीन हासिल होती है। प्राइवेट बिल्डर जब फ्लैट बनाता है तो वहां पर 20 प्रतिशत छोटे फ्लैट हाउसिंग बोर्ड के लिए आते हैं। इसमें गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए आते हैं। इसी प्रकार से HSVP भी जब कोई सेक्टर विकसित करता है तो 1 से 5 एकड़ तक की जमीन हाउसिंग बोर्ड को देता है और बोर्ड फ्लैट बनाकर बेचता है। नगर निकाय से सस्ती दरों पर जमीन लेकर पूर्व सैनिकों के लिए फ्लैट बनाता है।

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