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फतेहाबाद की धरती से देश में महागठबंधन की आहट,8 राज्यों से भाजपा विरोधी दलों के नेताओं ने मंच किया साझा

The sound of grand alliance in the country from the land of Fatehabad
 Leaders of anti-BJP parties from 8 states shared the stage
Fatehabad railly
इनेलो फतेहाबाद रैली


पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के 109वें जन्मदिवस पर सम्मान दिवस रैली में जुटे दिग्गज

अजय दीप लाठर

देश के उपप्रधानमंत्री रहे ताऊ देवीलाल के 109वें जन्मदिन को मनाने के लिए फतेहाबाद की अनाज मंडी में आयोजित सम्मान दिवस रैली रविवार को देश में राजनीतिक महागठबंधन गठित होने की संभावनाओं की नींव डलती हुई नजर आई। इस रैली में 8 राज्यों से आए भाजपा विरोधी दलों के प्रमुख नेताओं ने मंच साझा किया। देश की राजनीति में बड़ा नाम रखने वाले नेताओं का इंडियन नेशनल लोकदल के मंच पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर बोलना और तीसरे मोर्च की बजाए मुख्य मोर्चे के तौर पर महागठबंधन करने की बात साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कितनी कारगर साबित होगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा के विरोधियों के एकजुट होने को लेकर जिस तरह की अटकलेें लगाई जा रही थी, उसका प्रारूप काफी हद तक स्पष्ट होता जरूर नजर आया।

रैली

देश में दो बार विपक्ष को एकजुट कर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने का श्रेय चौधरी देवीलाल को ही जाता है। अब केंद्र में 2014 से भाजपा की सरकार है और इनेलो हरियाणा में सत्ता हासिल करने के लिए 2005 से ही संघर्ष में जुटा है। फिलहाल अभय सिंह चौटाला इनेलो के एकमात्र विधायक के तौर पर विधानसभा में हैं। यह बात अलग है कि परिवार में पड़ी फूट के कारण पैदा हुई जननायक जनता पार्टी अपने 10 विधायकों के साथ प्रदेश में भाजपा के साथ सरकार की साझीदार है। खैर जिस मूल इनेलो ने चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर सम्मान दिवस रैली की, उसकी कमान पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला संभाल रहे हैं। यह पिता-पुत्र की मेहनत और चौधरी देवीलाल के राष्ट्रीय पटल पर दमदार रहे व्यक्तित्व का ही परिणाम रहा, जो इनके आह्वान पर देश के अलग-अलग 8 राज्यों से उन दलों के नेता फतेहाबाद पहुंचे, जो केंद्र सरकार को उखाड़ने की कोशिश का हिस्सा बनना चाहते हैं। अनाज मंडी के मंच पर इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की मेहनत रंग लाती हुई नजर आई और उनके निमंत्रण पर देश के अलग-अलग कोने से विभिन्न दलों के प्रभावशाली नेता फतेहाबाद पहुंचे। जबकि, दो पार्टियों के दिग्गजों की ओर से भेजे गए संदेश मुख्य मंच से पढ़े गए।

रैली

राजनीति के जानकार बताते हैं कि ताऊ देवीलाल की राजनीतिक पाठशाला का हिस्सा रहे देश के विभिन्न राज्यों के नेता आज अपने-अपने इलाकों की राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं। ये या तो अभी भी अपने यहां सरकार चला रहे हैं या फिर फिलहाल सत्ता में लौटने का संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में इन सभी को मुख्य चुनौती भारतीय जनता पार्टी से मिल रही है। इन्हें लगता है कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर ये एकजुट नहीं होंगे, तो आने वाले समय में भाजपा इनके अस्तित्व के लिए भी खतरा बन सकती है। एकजुटता की तमाम कोशिश ये पिछले काफी समय से कर रहे थे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर पहला मौका चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस पर आयोजित सम्मान दिवस रैली में मिला। रैली में मौजूद भीड़ से गदगद इन नेताओं को भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर तीर चलाने का मौका मिला और इस मौके को इन्होंने हाथ से जाने भी नहीं दिया।

रैली

रैली के मुख्य वक्ता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब तीसरे मोर्चे की बात छोड़ दो। बिहार में सिर्फ एक पार्टी सत्ता से बाहर है और बाकी सभी का महागठबंधन सरकार चला रहा है। ऐसे में देश में महागठबंधन, यानी की मुख्य मोर्चे की जरूरत है। इस मुख्य मोर्चे में कम्युनिस्ट भी शामिल होंगे और कांग्रेस को भी शामिल होने के लिए मनाया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि महागठबंधन बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी को 2024 में देश की सत्ता से चलता कर देंगे। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने ही अंदाज में रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी को बड़का झूठा पार्टी कहकर संबोधित किया। हरियाणा के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक टीचर से सभी विषय पढ़ाने का फैसला कोई भी सही नहीं ठहरा सकता। महंगाई व बेरोजगारी पर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि किसान और जवान के कारण ही देश न तो भूखा सोता है और न ही किसी दुश्मन राष्ट्र से खतरे में है।

रैली में दिखा देश के अलग-अलग हिस्से का प्रतिनिधित्व

लंबे अरसे के बाद सम्मान दिवस रैली पहला ऐसा मंच बना, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर से नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुला रैली में नहीं पहुंच पाए। उनके भेजे संदेश को अभय सिंह चौटाला ने पढ़कर सुनाया। महाराष्ट्र से देश की राजनीतिक के बड़े थिंक टैंक माने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पंवार ने मंच साझा किया तो त्रिपुरा से पूर्व मंत्री व आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया भी मौजूद रहे। जमातिया की पार्टी 8 विधायकों के साथ त्रिपुरा में भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार है। उत्तर-पूर्व के राज्य मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपना विडियो संदेश रैली में मौजूद जनसमूह के लिए भेजा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ उनकी कैबिनेट के मंत्री संजय झा और जनता दल यूनाटेड के महासचिव केसी त्यागी ने भी रैली में शिरकत की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और अकाली नेता व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल अपनी टीम के साथ पहुंचे। शिव सेना सुप्रीमो व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रतिनिधि के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अरविंद सांवत सम्मान दिवस रैली में आए। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपना लिखित संदेश भेज कर ताऊ देवीलाल को नमन किया।

-- अजय दीप लाठर, लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं।

 
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