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महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने लागू की ‘विधवाओं के लिए सब्सिडी योजना’

हरियाणा
 

महिलाओं के उत्थान, उन्हें स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए निगम सब्सिडी के रूप में करता है वित्तीय सहायता प्रदान

चण्डीगढ़, 17 नवम्बर - हरियाणा सरकार महिलाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्घ है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से विधवाओं, तलाकशुदा और कानूनी रूप से अलग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने उनकी आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति में सुधार करने के लिए हरियाणा महिला विकास निगम के माध्यम से वर्ष 2021-22 में ‘विधवाओं के लिए सब्सिडी योजना’ लागू की गई है।

हरियाणा महिला विकास निगम के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत केवल हरियाणा अधिवासी विधवाएं, तलाकशुदा और कानूनी रूप से अलग महिलाएं, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रूपये से अधिक नहीं है, इस योजना के तहत व्यक्तिगत कारोबार जैसे कि सिलाई-कढाई, किरयाना, मनियारी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े की दुकान, स्टेशनरी, बुटिक, ऑटो, ई-रिक्शा, मसाला/ आचार इकाइयाँ, खाद्य प्रसंस्करण, कैरी बैग का निर्माण, बेकरी व जनरल स्टोर इत्यादि के लिए तीन लाख रूपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। ऋण लेने के लिए लाभार्थी की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रपत्र के साथ राशनकार्ड, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, रिहायशी प्रमाण पत्र, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, ट्रेनिंग/अनुभव प्रमाण पत्र, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र और दो पासपोर्ट साइज की फोटो की प्रतियाँ संलग्न करना अनिवार्य है। लाभार्थी द्वारा समय पर पुनर्भुगतान के मामले में हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा बैंकों की प्रचलित ब्याज दर पर तीन वर्षों के लिए शत-प्रतिशत ब्याज सब्सिडी अथवा अधिकतम 50,000 रुपये जो भी पहले हो, प्रदान किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि कुल ऋण का 10 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी स्वयं वहन करेगा तथा शेष ऋण वाणिज्यिक/राष्ट्रीयकृत/सहकारी बैंकों द्वारा प्रदान किया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 से अब तक 334 विधवा महिलाओं को 804.65 लाख रुपये का ऋण दिया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी हरियाणा महिला विकास निगम की वेवसाइट http://www.hwdcl.org पर देख सकते हैं।

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