logo

Haryana News: हरियाणा में धान उत्पादक किसानों की हुई बल्ले- बल्ले, पिछले साल से 400 रूपए ज्यादा मिल रहा भाव

whatsapp chat click here to check telegram
haryana


कैथल | हरियाणा में धान उत्पादक किसानों की इस बार चांदी हो रही है. प्रदेश की अनाज मंडियों में किसानों को सीजन की शुरुआत में ही बासमती धान की किस्म पूसा- 1509 का रेट 3,600 रूपए प्रति क्विंटल से भी ज्यादा मिल रहा है. बता दे यह पिछले साल के पीक सीजन से करीब 400 रूपए तक ज्यादा है. पिछले साल यह पीक सीजन में 3,200 रूपए क्विंटल तक बिकी थी.


इस बार धान की पैदावार प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल तक है. ऐसे में किसानों को प्रति एकड़ 8 से 10 हजार रूपए तक का फायदा हो रहा है. आने वाले दिनों में बासमती किस्मों के धान के रेट में तेजी आएगी या मंदी आएगा, यह न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) पर निर्भर करेगा. केंद्र सरकार ने बासमती किस्मों के थान पर MEP 1200 डॉलर यानी 99,864 रुपए/ प्रति टन कर रखा है.

धान निर्यातकों ने कही यह बात
धान निर्यातकों का कहना है कि सरकार एमईपी हटा देती है तो बासमती किस्मों के भाव में और भी तेजी आ सकती है. वहीं, धान की अन्य किस्मों के भाव भी अच्छे मिल सकते हैं. एमईपी तय करने से बासमती की पूसा- 1509, 1715 समेत अन्य किस्मों के निर्यात में परेशानी का सामना करना पड़ता है. 1,200 डॉलर के हिसाब से परम्परागत बासमती के एक्स्पोर्ट में कोई दिक्कत नहीं आती है, पर बासमती की अन्य किस्मों का धान निर्धारित एमईपी के हिसाब से निर्यात नहीं हो पाता.

इस बार पैदावार भी अच्छी
कैथल अनाज मंडी में फसल बेचने आए गांव धनौरी के किसान जस्सी ने बताया कि इस बार 1509 धान का भाव पिछले साल से अच्छा है. पैदावार व क्वालिटी भी अच्छी है. वे 1509 धान की 4 एकड़ की फसल लेकर आए थे. यह 3,625 रुपए/ प्रति क्विंटल के भाव से बिकी है.

एमईपी की शर्त हटना जरूरी
विदेशों में बासमती चावल की डिमांड अच्छी है, पर एमईपी की शर्त निर्यात में बाधा बन रही है. सरकार इसे जल्द हटा लेती है तो बासमती किस्मों के भाव अच्छे रह सकते हैं. इसे हटाने की किसान कई बार मांग कर चुके हैं.

प्रधान ने कही ये बातें
एमईपी की शर्त हटाने को लेकर पिछले दिनों केन्द्र सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था. केन्द्र की 8 सदस्यीय टीम शुक्रवार यानी 8 सितंबर को निर्यातकों से करनाल पहुंची है. एमईपी की शर्त हटती है तो निश्चित तौर पर भाव में उछाल देखने को मिलेगा- सुशील जैन, प्रधान, हरियाणा राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन