किलोमीटर स्कीम ने डुबोई हरियाणा रोडवेज की 931 करोड़ की लुटिया ! पिछले वर्षों में करना पड़ा तगड़े घाटे का सामना! जानिए क्या है बड़ी वजह ?
Haryana Roadways looted Rs 931 crore by kilometer scheme! Had to face huge losses in the last years! Know what is the big reason?

आम नागरिक को तो काफी राहत पहुँच रही है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जिससे हरियाणा रोडवेज को बसों में कभी फायदा तो कभी नुकसान उठाना पड़ता है। इन दिनों हरियाणा रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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Haryana Roadways
हरियाणा के लोगों आवागमन के लिए सरकारी वाहनों के अनेकों विकल्प मौजूद हैं। इन सभी विकल्पों में से एक है हरियाणा रोडवेज। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोगों की सुविधा के लिए हरियाणा रोडवेज की ओर से सरकारी बसें चलाई जा रही है।
आम नागरिक को तो काफी राहत पहुँच रही है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जिससे हरियाणा रोडवेज को बसों में कभी फायदा तो कभी नुकसान उठाना पड़ता है। इन दिनों हरियाणा रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हरियाणा रोडवेज को अपनी बसों को चलाने में प्रति किलोमीटर 72.83 रुपए खर्च करने पड़ते हैं जबकि आमदनी केवल 39.23 रूपये की ही हो रही है।
बता दें कि साल 2014- 15 में हरियाणा रोडवेज को लगभग 447 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 2014-15 में रोडवेज की कुल प्राप्तियां 37.22 रुपए प्रति किलोमीटर के मुकाबले 26.89 रुपए प्रति किलोमीटर हो रही है।
वहीं पर 2021-22 में रोडवेज को 931 करोड रुपए का घाटा सहन करना पड़ा। रोडवेज ने 38.56 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से प्राप्तियां अर्जित की, जबकि खर्च बढ़कर 73.45 रुपए प्रति किलोमीटर रहा था।
वहीं साल 2022- 23 में घाटा बढ़कर 995.92 करोड रुपए हो गया है। फिलहाल राज्य में कुल 3,143 बसे हैं जोकि प्रतिदिन औसतन 8.88 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती है।
साल 2021- 22 मे रोडवेज बसों की दैनिक सकल दूरी 6 लाख Km और दैनिक यात्रियों की संख्या 4 लाख से अधिक थी।
नुकसान होने के कारण
- 60 वर्ष की आयु तक के सीनियर सिटीजन एक किराए में 50% तक की छूट
- पिछले 8 वर्षों से किराया बढ़ाने के कई प्रस्ताव बनाए गए परंतु सरकार ने पास नहीं किए
- 42 श्रेणियों में मुफ्त यात्रा की सुविधा से रोडवेज पर वित्तीय बोझ बढ़ता है
- डीजल के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है इसके मुकाबले खर्च कम नहीं हुए
इसके अलावा सरकार 2,200 नई बसें रोडवेज बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है। इसके अलावा टिकटों में हो रही गड़बड़ रोकने के लिए सरकार ने रोडवेज बसों में ई- टिकटिंग प्रणाली लागू की है।
वही दूसरी तरफ 6 जिलों में पायलट आधार पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का प्रयोग शुरू किया गया है, जिसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अलावा रोडवेज ने गड़बड़ियों को रोकने के लिए बसों में सेंसर प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव भी दिया है।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज बसें चलाई जा रही है, ना कि नफे और नुकसान के लिए। राजस्व घाटे को रोकने और हो रही गड़बड़ियों पर काबू पाने के लिए ई- टिकटिंग प्रणाली लागू की गई है।
इस प्रणाली के द्वारा गड़बड़ियों पर तो रोक लगेगी साथ में ही इनकम में भी वृद्धि होगी। कोरोना महामारी के समय भी हरियाणा रोडवेज को काफी घाटा उठाना पड़ा था।