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सिरसा नागरिक अस्पताल मामला - नवजात बच्चे के मामले मे बड़ा खुलासा, SMO ने दी बड़ी जानकारी

Sirsa Civil Hospital Case - Big disclosure in case of newborn child, SMO gave big information

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सिरसा नागरिक अस्पताल में चल रहे नवजात शिशु गूम करने के मामले में अब नागरिक अस्पताल सिरसा SMO Dr. RK दहिया ने बड़ा खुलासा किया है। पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर दहिया ने बताया कि पिछले 2 साल से मरीज परवीन का उपचार चल रहा है।

HARDUM HARYANA NEWS

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सिरसा नागरिक अस्पताल में चल रहे नवजात शिशु गूम करने के मामले में अब नागरिक अस्पताल सिरसा SMO Dr. RK दहिया ने बड़ा खुलासा किया है।

पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर दहिया ने बताया कि पिछले 2 साल से मरीज परवीन का उपचार चल रहा है।

परवीन का रिकॉर्ड हमने देखा है पिछले 2 सवा 2 साल से हमारे पास आती रही है ओपीडी में 10 बार आई है। और वह लायाजे एंटईनल केस करके ही हमारे पास आई है जिसका उनके पास रिकॉर्ड है।

लेकिन उसने कहा कि मैं सरकारी अस्पताल सिरसा में एडमिट रही हूं ऐसा हमारे पास पिछले 2 साल के रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है।

ठीक है एक दो बार बीच में इनको प्रॉब्लम आई है मैंने भी जानकारी ली है जिसकी वजह से ऐसा रहा है। लेकिन हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है और डिलीवरी की तो बात ही नहीं है।

 इसी चीज को प्रूव करने के लिए हमने इनको बताया कि आप किसी भी प्राइवेट अस्पताल से कंफर्म करने के लिए अपना अल्ट्रासाउंड वगैरा करवाओ इन्होंने करवाया भी है सिरसा अमेजिंग से जिसमें ऐसा कुछ नहीं आया कि यह पिछले 1 हफ्ते के अंदर कभी प्रेग्नेंट रही हो।

यह था मामला

मिली जानकारी के अनुसार मीडिया से बात करते हुए जसवीर सिंह गांव डबवाली ने बताया कि वह सिरसा के नागरिक अस्पताल में 30 तारीख से अपनी पत्नी जो कि गर्भवती थी उनको एडमिट करवाया हुआ है।

 डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा हो जाएगा पहले उन्होंने कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा लेकिन बाद में कहा कि ऑपरेशन से मां की जान को खतरा है उन्होंने कहा कि नॉर्मल डिलीवरी ही होगी आप थोड़ा इंतजार करें।

 30 तारीख को उन्होंने सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था उसके बाद 11 तारीख तक इंतजार करते रहे।

कल यानी 11 तारीख को 12 बजे के करीब डिलीवरी हो गई थी एसा परिवार ने बताया और बच्चे को वजन कम है कहकर नर्सरी मे ले गए।

जसवीर की मां ने बताया कि मुझे बच्चे की शक्ल भी नहीं दिखाई गई एक बार बच्चे को अपनी मां के पेट पर रखा गया और फिर नर्सरी में ले गए।

जब हमने दोबारा बच्चे को देखना चाह तो हमें यह बोला गया कि आपका तो अस्पताल में कोई रिकॉर्ड ही नहीं है ना ही आपके कोई बच्चा हुआ है।

यह सुनकर परिवार आपका बका रह गया और परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर यह भी इल्जाम लगाया कि आप पर कार्यवाही होगी आप हमे परेशान कर रहे हो।

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