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हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायता में अहम रोल निभा रहा है सुकून केंद्र

हिंसा

हिसार, 09 फरवरी।
हरियाणा स्टेट हेल्थ रिसर्च सेंटर की पहल एवं हरियाणा सरकार द्वारा  प्रदेश में हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए जिला स्तर पर स्थापित किए हुए विभिन्न जिला नागरिक अस्पताल के सुकून सेंटर महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं। सुकून सैंटरों में छेड़छाड़, मारपीट, जबरदस्ती, यौन उत्पीड़न, शोषण एवं घरेलू हिंसा से प्रताड़ित महिलाओं को अनेक सहायता प्रदान की जा रही है, साथ ही हिंसा से पीड़ित महिलाओं को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर उनकी समस्या का समाधान करवाया जा रहा है।

जिला सुकून काउंसलर राहुल शर्मा ने बताया कि सुकून सेंटर में विभिन्न सुविधाएं दी जाती है, जिसमें अपनी जानकारी देने या अपनी स्थिति बताने के लिए सुरक्षित माहौल, अपने अधिकारों बारे जानकारी, डॉक्टरी जांच, पुलिस में शिकायत बारे पूरी जानकारी, मुफ्त कानूनी सलाह एवं सेवा के लिए मदद, अन्य सरकारी सेवाओं एवं सहायक नेटवर्क से संपर्क तथा जरूरत अनुसार फॉलो-अप शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नागरिक अस्पताल के सुकून सेंटर में मार्च 2022 से अब तक 450 महिलाओं एवं बच्चों को काउंसलिंग एवं सहायता दी जा चुकी है, जिसमें घरेलू हिंसा 187, यौनिक हिंसा 99, इमोशनल 154 तथा जहर पीड़ित के 10 केस शामिल है।  प्रदेश के विभिन्न जिलों में सुकून सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें हिसार सहित अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, कैथल, करनाल पंचकूला, पानीपत, यमुनानगर, रोहतक आदि शामिल हैं।

हिसार सुकून सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को दिलवाई गई सहायता :-
      जिला सुकून काउंसलर राहुल शर्मा ने बताया कि पहले केस में शहर के मिल गेट कॉलोनी की रहने वाली 25 वर्षीय महिला जिसने लव मैरिज करके शादी कर ली थी। शादी के कुछ महीने के बाद ससुराल में उसका पति उसे घरेलू हिंसा के माध्यम से परेशान करने के साथ-साथ गालियां, मारपीट एवं घर से निकाल दिया जाता था। हिंसा से प्रताड़ित महिला आत्महत्या करने की सोचने लगी और जब उसके पति ने उसको मारा तो वह उपचार करवाने के लिए महाराजा अग्रसेन नागरिक अस्पताल स्थित सुकून सेंटर सहायता के लिए पहुंची। इसके बाद सुकून केंद्र द्वारा काउंसलिंग, उपचार, पुलिस सहायता देने के साथ उसकी समस्या का समाधान कर वापिस ससुराल में छुड़वाया गया, जहां अब प्रताड़ित महिला अपनी जीवन खुशी से व्यतीत कर रही है।

इसी प्रकार दूसरे मामले में जिले के गांव की महिला जिसके माता-पिता व भाई गुजरने के बाद उसका पति पैतृक जमीन बेचकर पैसे देने के लिए प्रताड़ित करने लगा, जिसका उसने विरोध किया। उसके साथ उसके साथ मारपीट करने के साथ-साथ जान से मारने की धमकी देने लगा। इसके पश्चात प्रताड़ित महिला सहायता एवं उपचार के लिए सुकून केंद्र पहुंची, जहां उसे काउंसलिंग के साथ-साथ कानूनी व्यावहारिक सुरक्षा के साथ अधिकारों के प्रति जागरूक कर आगे कानूनी कार्रवाई की जानकारी प्रदान कर उसका मनोबल बढ़ाया गया।

एक अन्य केस में एक शहर की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला ने सोशल साइट के माध्यम से अनजान व्यक्ति के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली, लेकिन शादी करने के कुछ दिनों बाद ही उसका पति शारीरिक, आर्थिक, मानसिक और यौनिक हिंसा के रूप में प्रताड़ित करने लगा। इसके बाद प्रताडि़त महिला सहायता के लिए सुकून केंद्र पहुंची, जहां उसे घरेलू हिंसा एक्ट, प्रोटेक्शन वूमेन डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट व अन्य महिला के अधिकारों के प्रति जानकारियां प्रदान की गई। काउंसलिंग के माध्यम से उसको कानूनी व्यावहारिक सुरक्षा आदि के संपूर्ण जानकारी देकर उसका मनोबल बढ़ाने में सहयोग किया।

इसी प्रकार से हिसार के समीप एक कॉलोनी के रहने वाले लडक़ी अपने कॉलेज में साथ पढऩे वाले दोस्त के साथ कोर्ट मैरिज कर लेती है। शादी के कुछ महीने के बाद उसके पति को किसी प्रकार का रोजगार न मिलने के कारण उसे ऑनलाइन गेम खेलने की लग गई, जिससे घरेलू हिंसा होना शुरू हो गईं और जब वह गेम में पैसे जीतने पर खुश हो जाता और हार जाने पर अपनी पत्नी की पिटाई करना शुरू कर देता। इसी प्रकार धीरे-धीरे नशा करना भी सीख गया, जिससे एक अच्छा खासा हंसता खेलता परिवार टूटने लगा तो वह महिला सहायता के लिए सुकून केंद्र पहुंची, जहां उसे उसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया और कानूनी व्यावहारिक सुरक्षा आदि की जानकारियां प्रदान कर उसका मनोबल बढ़ाया गया और उसके पति के उपचार करवाने की सलाह प्रदान की गई ताकि टूटते परिवार को बचाया जा सके।

महिला अपराध रोकथाम के लिए सुझाव :
महिलाएं घरेलू हिंसा को चुपचाप सहन ना करें। हिंसा से पीड़ित महिला का पारिवारिक समाधान नहीं हो रहा तो वह महिला थाना या संबंधित थाना अथवा सुकून केंद्र में आकर सहायता लें, सोशल मीडिया या अनजान लोगों से दोस्ती के झांसे में न फसें, 18 वर्ष से पहले शादी ना करें, हिंसा के समय घायल होने वाली महिलाएं अपना एमएलआर जरूर करवाएं। इसके अतिरिक्त पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 या महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

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