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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इस सच्चे सिपाही ने दुनिया को कहा अलविदा

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सच्चे सिपाही कामरेड गुरुदित्त राम सहोता का निधन पार्टी और समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। वे 82 साल की उम्र में हमें अलविदा कह गए, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रहेगा। 1972 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ने के बाद उन्होंने न केवल पार्टी की सेवा की, बल्कि मजदूरों और किसानों के हक की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे इलाक़े के ऐलनाबाद ब्लॉक समिति और करीवाला शाखा के सचिव के रूप में सक्रिय रहे, और गांव से लेकर दिल्ली तक आंदोलनों में हिस्सा लिया।

उनकी अंतिम विदाई में वरिष्ठ भाकपा नेता कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने पार्टी का लाल झंडा उनके शव पर डालकर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पार्टी के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित थे, जिन्होंने सहोता के योगदान को श्रद्धांजलि दी और उनके जाने को पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उनके नेतृत्व में इलाके में पार्टी की भूमिका को ऊंचा किया गया था, और उनके संघर्षों ने कई किसानों और मजदूरों के जीवन में बदलाव लाया।

उनकी अंतिम अरदास और अशोक सभा 22 अक्टूबर को करीवाला में आयोजित की जाएगी, जहां क्षेत्र के लोग और पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित होकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

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