इन जगहों पर नहीं बनवाना चाहिए घर, कभी नहीं आती सुख-सुविधा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर बनाने के लिए कुछ स्थान और दिशाएं शुभ नहीं मानी जातीं, क्योंकि इन स्थानों पर घर बनाने से न सिर्फ आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं, बल्कि मानसिक शांति और सुख-सुविधाओं की कमी भी हो सकती है। यदि आप वास्तु के सिद्धांतों का पालन करते हुए घर बनाना चाहते हैं, तो कुछ खास जगहों से बचना चाहिए।
1. दक्षिण-पूर्व दिशा (Agni Kon)
- संकेत: इस दिशा को "अग्नि कोण" कहा जाता है और यह आग का प्रतीक है। यहां घर बनाना आर्थिक संकट और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
- परिणाम: इस दिशा में घर बनाने से झगड़े, मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. दक्षिण-पश्चिम दिशा (Nairutya Kon)
- संकेत: दक्षिण-पश्चिम दिशा को "नैऋत्य कोण" कहा जाता है, जो कि शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है। हालांकि, यह दिशा घर बनाने के लिए मना की गई है।
- परिणाम: यहां घर बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे पारिवारिक संघर्ष, अनहोनी घटनाएं और शांति की कमी हो सकती है।
3. उत्तर-पूर्व दिशा (Ishaan Kon)
- संकेत: उत्तर-पूर्व दिशा को "ईशान कोण" कहा जाता है और यह वास्तु के अनुसार भगवान के स्थान के रूप में मानी जाती है। यहां पर घर बनाने से मानसिक और शारीरिक कष्ट हो सकते हैं।
- परिणाम: इस दिशा में घर बनाने से घर में खुशहाली और शांति की कमी हो सकती है, साथ ही रिश्तों में भी तनाव बढ़ सकता है।
4. रास्ते के पास घर बनाना
- संकेत: घर को सड़क के पास या मुख्य रास्ते के किनारे बनाना वास्तु में ठीक नहीं माना जाता। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- परिणाम: इस तरह के घरों में आकर जाने वाली अनचाही घटनाएं, दुर्घटनाएं और आर्थिक नुकसान हो सकते हैं।
5. गंदे जलाशय या नालों के पास घर बनाना
- संकेत: घर को गंदे जलाशयों या नालों के पास बनाना वास्तु के अनुसार शुभ नहीं है।
- परिणाम: इस प्रकार के स्थानों पर घर बनाने से स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक तनाव और अशांति का सामना करना पड़ सकता है।
6. अंधेरे या गहरे स्थानों पर घर बनाना
- संकेत: अंधेरे, गहरे और खराब वातावरण वाले स्थानों पर घर बनाना शुभ नहीं होता।
- परिणाम: इस तरह के स्थानों पर रहने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर के सदस्य अस्वस्थ हो सकते हैं।
7. सुनसान और वीरान जगह पर घर बनाना
- संकेत: घर को सुनसान और वीरान जगह पर बनाना वास्तु में नकारात्मक माना गया है।
- परिणाम: इस प्रकार के स्थानों पर घर बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा और अकेलेपन का अनुभव होता है, जिससे मानसिक शांति में कमी आ सकती है।
8. फर्नीचर या अन्य सामान की मूवमेंट वाले स्थान पर घर बनाना
- संकेत: यदि घर के निर्माण के समय उस जगह पर कोई बड़ा बदलाव हो, जैसे कि बड़े पैमाने पर सामान हटाना या फिर उस जगह पर पहले से कोई बड़ा कार्य हुआ हो, तो वह भी वास्तु के अनुसार अनुकूल नहीं होता।
- परिणाम: इस तरह के स्थान पर घर बनने से आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं आ सकती हैं।
9. डेड एंड (अंतिम गली) के पास घर बनाना
- संकेत: यदि आपके घर के पास कोई ऐसी गली हो जो अंत में जाकर रुकती हो (Dead End), तो यह वास्तु के अनुसार अच्छा नहीं होता।
- परिणाम: इस स्थिति में घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और आप किसी प्रकार की आर्थिक या मानसिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
10. उच्च तनाव या दुर्घटनाओं वाली जगह पर घर बनाना
- संकेत: यदि आपका घर ऐसी जगह पर बन रहा हो जहां अक्सर दुर्घटनाएं या उच्च स्तर का शोर होता है, तो वहां घर बनाना वास्तु शास्त्र के अनुसार उचित नहीं है।
- परिणाम: ऐसे स्थानों पर रहने से मानसिक तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर बनाने से पहले स्थान और दिशा का सही चयन बेहद महत्वपूर्ण है। ऊपर बताए गए स्थानों पर घर बनाने से सुख-सुविधाओं की कमी हो सकती है और जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं। अतः, घर बनाने से पहले वास्तु के अनुसार स्थान का चुनाव और दिशा की सही पहचान करना बहुत जरूरी होता है।