घर के बाहर निकलते ही होता है मौत से सामना
शासन प्रशासन बेशक अपनी पीठ थपथपाते हुए शहर के सौंदर्यीकरण के दावे करते हों, मगर हरियाणा के शहर सिरसा में सैकड़ों की संख्या में विचरण करने वाले पशुओं के कारण शहर की सुंदरता का हरण हो रहा है जिसके प्रति शासन प्रशासन कतई गंभीर नहीं हैं। आलम ये है कि शहर का शायद ही कोई ऐसा कोना बचा हो जहां बेसहारा पशुओं का समूह न हो। ये पशु जहां शहर की सुंदरता को पलीता लगा रहे हैं वहीं आमजन के लिए मौत बांट रहे हैं। इतना ही नहीं शहर में अतिक्रमण की समस्या में भी इजाफा कर रहे हैं। शहर में इन बेसहारा पशुओं की बढ़ी संख्या के कारण आमजन को इनसे बचकर चलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कोढ में खाज की स्थिति ये है कि सैकड़ों की संख्या में पशुओं के सडक़ों पर विचरण करने के बावजूद प्रशासनिक कागजों में सिरसा शहर पशुमुक्त घोषित है जो काफी हास्यास्पद है।
अहम बात यह है कि पूरे हरियाणा में सर्वाधिक गौशाला हैं और यहीं सबसे अधिक गौभक्तों की संख्या भी है जो नित्य गौशाओं में गायों की बेहतर तरीके से देखभाल के संकल्प और दावे करते नहीं थकते, बावजूद इसके सैकड़ों की संख्या में गाय और नंदी सडक़ों पर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं जिनका कोई स्थाई समाधान शायद स्थानीय प्रशासन व शासन के पास नहीं है। समय समय पर इन आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान चलाने की बातें उठती हैं और फिर शांति हो जाती हैं। इन पशुओं के कारण अनेक बार संकट की स्थिति इतनी अधिक घातक देखी गई है कि इन पशुओं की आपसी भिड़ंत के कारण आमजन की जान भी जा चुकी हैं।
इस पॉश एरिया में सबसे ज्यादा पशु
यूं तो इन बेसहारा पशुओं को शहर के हर चौक चौराहे, मोहल्लों में देखा जा सकता है मगर शहर के सबसे पॉश इलाके कहे जाने वाले हुडा सेक्टर में इनकी संख्या सर्वाधिक कही जा सकती है। इसके पीछे के कारणों में बताया जाता है कि सेक्टर के समीपस्थ गांव सिकंदरपुर व वैदवाला के किसानों द्वारा अपनी फसलों के बचाव के लिए अपने यहां घूमने वाले इन पशुओं को जबरन हुडा सेक्टर की ओर से भेज दिए जाते हैं जिससे अब ये यहां बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। हुडा सेक्टर में रहने वाले राजनीतिज्ञों, अफसरों की कोठियों के इर्दगिर्द घूमने वाले ये आवारा पशु शहर की वर्तमान कथित सुंदरता को बयां करते हैं। ऐसे में अब शहरवासियों की जान केवल ईश्वर के भरोसे है। शहरवासी जितना इन पशुओं को कोस रहे हैं उससे कहीं ज्यादा स्थानीय नेताओं को भी इस बड़े संकट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं जिन्होंने इस दिशा में केवल घोषणाएं की हैं, काम नहीं।