फ्री राशन लेने वालों को मोदी सरकार की तरफ से तोहफा, जानें कैसे मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के मौके पर देश के गरीब और वंचित वर्ग के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। फ्री राशन गिफ्ट योजना का विस्तार अब 2028 तक किया गया है, जिससे करोड़ों गरीबों को आगामी वर्षों तक मुफ्त राशन मिल सकेगा। यह कदम खासतौर पर उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है जो महंगाई, बेरोजगारी और कुपोषण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
फ्री राशन गिफ्ट योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। सरकार की कोशिश है कि सभी गरीब परिवारों को बुनियादी खाद्य आवश्यकताएं जैसे गेहूं, चावल, दालें, आदि बिना किसी लागत के मिल सकें। महामारी के दौरान शुरू की गई इस योजना का विस्तार अब तक किया गया है, और इसे भविष्य में भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
किसे मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत परिवारों को मिलेगा।
करीब 80 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के लोग शामिल हैं।
प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त में दिया जाएगा, जिसमें फोर्टिफाइड चावल भी शामिल है, जिससे कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सके।
ई-केवाईसी: योजना का हिस्सा बनने की अनिवार्यता
इस योजना का लाभ पाने के लिए ई-केवाईसी करना अनिवार्य है। इसके तहत लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक करना होता है।
अगर कोई लाभार्थी ई-केवाईसी नहीं करता है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता। इसलिए, सभी लाभार्थियों को जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करने की सलाह दी जा रही है।
फोर्टिफाइड चावल: बेहतर पोषण की दिशा में एक कदम
इस बार की फ्री राशन गिफ्ट योजना में फोर्टिफाइड चावल का भी प्रावधान किया गया है। यह चावल विटामिन, आयरन और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिससे लोगों को बेहतर पोषण मिल सके।
खासकर बच्चों और महिलाओं के लिए यह चावल एक स्वास्थ्य लाभ देने वाला कदम साबित हो सकता है, जो कुपोषण से लड़ने में मदद करेगा।
दिवाली पर विशेष घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने दिवाली के अवसर पर इस योजना को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। इससे गरीब परिवारों को आने वाले वर्षों में भी मुफ्त राशन मिलता रहेगा, जिससे उनका जीवन थोड़ा आसान हो सकेगा। यह कदम देश के गरीब और कमजोर वर्ग के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।