ऐसे करें मूली की खेती, खाने में स्वादिष्ट और देगी बंपर पैदावार

मूली की खेती: एक सरल मार्गदर्शिका
मूली (Raphanus sativus) एक लोकप्रिय सब्जी है, जिसे उगाना आसान और लाभदायक है। आइए जानें मूली की खेती के लिए आवश्यक कदम:
1. जलवायु और मिट्टी
जलवायु: मूली को ठंडी से मध्यम जलवायु पसंद है। इसे 10-25°C का तापमान सर्वोत्तम माना जाता है।
मिट्टी: उपजाऊ, बलुई-बीज मिट्टी में इसकी वृद्धि सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का pH 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
2. बीज का चयन
मूली की कई प्रजातियाँ होती हैं, जैसे सफेद, लाल, और काली। सामान्यतः, सफेद मूली अधिक लोकप्रिय है।
उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें जो स्थानीय जलवायु के अनुकूल हों।
3. बुवाई का समय
मूली की बुवाई सर्दियों के दौरान (अक्टूबर से नवंबर) या गर्मियों के दौरान (फरवरी से मार्च) की जाती है।
इसे वर्षा के बाद या नमी वाली मिट्टी में बोना बेहतर होता है।
4. बुवाई की विधि
खेत की तैयारी: खेत को अच्छे से जुताई करें और समतल बनाएं। फिर 20-25 सेंटीमीटर की दूरी पर गहरे खांचे बनाएं।
बीज की दूरी: बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं और 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें।
5. सिंचाई
मूली को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, विशेषकर जब पौधे छोटे होते हैं। लेकिन अधिक पानी से बचें, क्योंकि यह जड़ सड़ने का कारण बन सकता है।
6. खाद और उर्वरक
बुवाई से पहले खेत में अच्छी मात्रा में कंपोस्ट या वर्मी कंपोस्ट मिलाएं।
नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश का संतुलित अनुपात (NPK) का उपयोग करें। बुवाई के समय और 30-40 दिन बाद उर्वरक डालें।
7. कृषि प्रबंधन
नियमित रूप से खेत में निराई-गुड़ाई करें ताकि खरपतवार नियंत्रण में रहे।
रोगों और कीटों के प्रति सतर्क रहें। यदि कोई समस्या हो, तो जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
8. फसल कटाई
मूली आमतौर पर 30-60 दिन में तैयार हो जाती है। जब पत्तियाँ हरी और ताजा दिखने लगे और जड़ें मोटी होने लगे, तब काटने का समय आ गया है।
जड़ों को सावधानी से काटें ताकि वे टूट न जाएं।
9. संग्रहण
मूली को ठंडी और शुष्क जगह पर संग्रहित करें। उचित तापमान पर संग्रहण से इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है।