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Kisan News: किसानों के लिए खुशखबरी! अब किसान पराली ना जलाकर कमा सकते हैं लाखों रुपए, जानें कैसे

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पंजाब सरकार के मुताबिक, इस साल हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है. इसके चलते प्रदूषण का स्तर अभी भी पिछले साल से कम है। पराली की घटनाओं को कम करने के लिए सरकार की ओर से कुछ बड़े कदम उठाए गए हैं. पंजाब के कई किसान अब पराली से पैसा कमा रहे हैं.

पराली से लाखों कमा रहे किसान!

पंजाब में धान की पराली में आग लगाने की प्रथा के कारण प्रदूषण फैलने के लिए अक्सर किसानों को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन उनमें से कई ने इसे लाखों के बायोमास संयंत्रों और बॉयलरों को बेचना शुरू कर दिया है। गुरदासपुर स्थित किसान पलविंदर सिंह ऐसे ही एक किसान हैं, जिन्होंने पराली को गांठों में बदलने और व्यवसायों को बेचने के लिए पिछले साल एक बेलर खरीदा था।

आपको बता दें कि बेलर एक कृषि मशीन है, जो ट्रैक्टर से जुड़ी होती है और खेत से पराली इकट्ठा कर उसे गांठों में बदल देती है. सहरी गांव के निवासी पलविंदर सिंह ने कहा, 'पिछले साल हमने 1,400 टन पराली की आपूर्ति की थी और इस साल हम 3,000 टन पराली की आपूर्ति की उम्मीद कर रहे हैं.'

इस बार पराली कम जलाई गई

गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने पिछले गुरुवार को दावा किया था कि इस बार राज्य में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के कम मामले सामने आए हैं. वहीं हरियाणा सरकार ने नासा की सैटेलाइट इमेज जारी करते हुए दावा किया कि पंजाब में पराली जलाने के मामले हरियाणा से दोगुने से भी ज्यादा हैं.

आपको बता दें कि ये दावा पंजाब की तरफ से किया गया था. इस बार 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के कम मामले सामने आए हैं. पिछले साल पराली जलाने की 5,798 घटनाएं सामने आईं।

इस बार पराली जलाने के मामलों में 53 फीसदी की कमी आई है. इस साल 2,704 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने यह भी दावा किया था कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हो गई हैं.
 

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