logo

मसान होली 2024: चिता की राख से खेली जाती है बनारस के इस शहर में होली, जानें तारीख और महत्व

मसान होली


मसान होली 2024 तिथि: सनातन धर्म में हिंदू त्योहार का बहुत विशेष महत्व है। होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। यह दिन पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वृन्दावन में लट्ठमार होली से लेकर लड्डूमार होली तक खेली जाती है। काशी नगरी में तो बनारस में कब्रिस्तान वाली होली खेली जाती है. इस दिन मणिकर्णिका घाट पर अर्थी की राख से होली खेली जाती है। इस होली उत्सव की शुरुआत भगवान शिव ने की थी।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को विदा किया था। अगले दिन भगवान भूतों, यक्षों और गंधर्वों के साथ होली खेलने के लिए बनारस के मणिकर्णिका घाट पर गए। वह कब्रिस्तान की छुट्टियों की शुरुआत थी। आइए जानते हैं मसान वाली होली कब और क्यों खेली जाती है राख से होली।

मसान होली 2024 तारीख (मसान वाली होली 2024 कब खेली जाएगी)
मसान वाली होली हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह उत्सव 21 मार्च को खेला जाएगा। इस दिन सभी लोग घाट पर इकट्ठा होते हैं और अर्थी की राख से होली खेलते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस होली में सभी देवता भाग लेते हैं।


 

मसानवाली होली कैसे खेलें (मसानवाली होली कैसे खेलें)
मसानी वाली होली खासतौर पर बनारस के मणिकर्णिका घाट पर मनाई जाती है। यह दुनिया का सबसे मशहूर कब्रिस्तान है। यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है. इस दिन देवी-देवता होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। इस दिन शिव भक्त भजन गाते हैं और ताबूत की राख को हवा में उड़ाते हैं। इस दिन एक-दूसरे को राख लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है।

मसान होली का महत्व
मसान होली भगवान महादेव को समर्पित त्योहार है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को भस्म बहुत प्रिय है। इस दिन भगवान शिव अपने सभी गणों के साथ होली खेलने मणिकर्णिका घाट पर आये थे। तभी से यहां कब्रिस्तान होली खेलने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन को मृत्यु पर विजय की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अर्थी की राख से होली खेली जाती है। यह भारत की लोकप्रिय होलियों में से एक है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now