केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना की जारी, जानिए क्या है CAA क़ानून
CAA :• नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, भारत के 3 पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताडित होकर भारत आये शरणार्थीयों को, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी, उनको भारत की नागरिकता का अधिकार देने का कानून है।
3 देश - अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश,
6 माइनॉरिटी कम्युनिटी - हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई
• प्रमुख मुद्दा
• पुनर्वास और नागरिकता की कानूनी बाधाओं को दूर करता है।
• दशकों से पीड़ित शर्नाराथियों को सम्मानजनक जीवन देना।
• नागरिकता अधिकार से उनके सांस्कृतिक, भाषिक, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी
• साथ ही आर्थिक, व्यवसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार सुनिश्चित होंगे।
• नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कई गलतफहमियां फैलाई गई हैं।
• यह नागरिकता देने का कानून है, CAA से किसी भी भारतीय नागरिक के नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
• यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पडा और जिनके पासरिपोर्टर मनोज प्रजापति
CAA :• नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, भारत के 3 पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताडित होकर भारत आये शरणार्थीयों को, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी, उनको भारत की नागरिकता का अधिकार देने का कानून है।
3 देश - अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश,
6 माइनॉरिटी कम्युनिटी - हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई
• प्रमुख मुद्दा
• पुनर्वास और नागरिकता की कानूनी बाधाओं को दूर करता है।
• दशकों से पीड़ित शर्नाराथियों को सम्मानजनक जीवन देना।
• नागरिकता अधिकार से उनके सांस्कृतिक, भाषिक, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी
• साथ ही आर्थिक, व्यवसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार सुनिश्चित होंगे।
• नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कई गलतफहमियां फैलाई गई हैं।
• यह नागरिकता देने का कानून है, CAA से किसी भी भारतीय नागरिक के नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
• यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पडा और जिनके पास
दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है।
भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों
को मूलभूत अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।
• कोविड महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने में देरी हुई। लेकिन अब
इसे हम लागू कर रहे है...
हमने हमारे 2019 लोकसभा चुनाव मैनिफेस्टो में कहा था कि
"हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप
अमेंडमेंट बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
• आज, इस वादे को कांस्टीट्यूशन की स्पिरिट के साथ पूरा किया।
दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है।
भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों
को मूलभूत अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।
• कोविड महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने में देरी हुई। लेकिन अब
इसे हम लागू कर रहे है...
हमने हमारे 2019 लोकसभा चुनाव मैनिफेस्टो में कहा था कि
"हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप
अमेंडमेंट बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
• आज, इस वादे को कांस्टीट्यूशन की स्पिरिट के साथ पूरा किया।