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अनंतनाग में शहीद हुए मनप्रीत सिंह की अनटोल्ड स्टोरी! 12 सिख लाइट इन्फेंट्री जॉइन करने का क्या था कारण?

अनंतनाग में शहीद

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने ढेर जमा रखा था उन्हें पकड़ने के लिए सेना और पुलिस की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने सेना के लोगों पर फायरिंग कर दी, इस दौरान सेना के अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि न्यू चंडीगढ़ के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का 12 सिख लाइट इन्फेंट्री बटालियन से एक गहरा नाता था। क्योंकि उनके पिता भी इसी बटालियन में थे। जानकारी के अनुसार उन्होंने 2003 में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर इसी बटालियन में जॉइनिंग की थी। 

लेकिन जब उन्हें कर्नल बनाया गया तो वे 19 राष्ट्रीय राइफल बटालियन को कमांड कर रहे थे और फायरिंग के दौरान मनप्रीत 19 राष्ट्रीय राइफल बटालियन से ही शहीद होकर पंचतत्व में विलीन हो गए। कहा जा रहा है कि कर्नल मनप्रीत सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय राइफल 19 बटालियन और सिख लाइट इन्फेंट्री से काफी सैनिक अंतिम विदाई देने के लिए आये थे। 

इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह आतंकियों के दुश्मन थे। उन्हें जब भी आतंकियों के बारे में कोई जानकारी मिलती थी, तो वह खुद ही उनका सामना करने के लिए पहुंच जाते थे। बता दें कि उन्होंने 2021 में ऐसे ही एक ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मार गिराया था। 

जिसके बाद उन्हें सेना मेडल से सम्मानित भी किया गया था। इसी कारण से वे काफी समय से आतंकियों के निशाने पर थे। अब मौका मिलते ही आतंकवादियों ने उन्हें निशाना बना लिया। लेकिन मनप्रीत सिंह की शहादत के बाद, उनका गांव भी सुर्खियों में है।

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