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85 KM तक जमीन में गुजरेगा ये हाईवे, सफर होगा सुहाना

हाईवे


केंद्र सरकार द्वारा देशभर में सड़कों के निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है, ताकि आमजन को बेहतर और सुरक्षित यातायात की सुविधा मिल सके। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसमें 85 किलोमीटर लंबी सड़क भूमि के अंदर सुरंगों के माध्यम से गुजरेगी। यह हाईवे प्रोजेक्ट खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में वाहनों के संचालन में आसानी और सुरक्षा के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।

85 किलोमीटर लंबी सुरंग के साथ हाईवे
हिमाचल प्रदेश में बनने वाली इस फोरलेन सड़क में 85 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के नीचे सुरंगों के माध्यम से बनेगा। यह परियोजना नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा तैयार की गई है और इसके लिए केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से सभी जरूरी मंजूरी प्राप्त हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत, कई सुरंगों का निर्माण किया जाएगा ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

सुरंगों का महत्व
पिछले साल हिमाचल प्रदेश में आई भारी बारिश के कारण कीरतपुर-मनाली हाईवे सहित अन्य हाईवे पर भारी नुकसान हुआ था। इस आपदा के कारण कुल्लू और मंडी में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली। वहीं, पठानकोट-मंडी और पिंजौर-नालागढ़ जैसे रास्ते भी आपदा से प्रभावित हुए थे। इन समस्याओं से निपटने के लिए अधिकारियों ने हाईवे की योजना में सुरंगों को शामिल करने का निर्णय लिया। इस फैसले से न सिर्फ सड़कों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय यात्रा भी सुरक्षित रहेगी।

सुरंगों का निर्माण प्रगति पर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट में अब तक 68 सुरंगों के निर्माण की योजना बनाई है। इनमें से 11 सुरंगों का काम पूरा हो चुका है, जबकि 27 सुरंगों पर काम चल रहा है। यह परियोजना पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा को आसान और तेज बनाने के लिए तैयार की जा रही है, ताकि वाहनों की आवाजाही में कोई रुकावट न आए।

नई सुविधाओं के साथ हाईवे
इस हाईवे में कई सुविधाएं शामिल की जाएंगी, जैसे कि ऑटोमेटिक टोल सिस्टम, 4 और 8 लेन की सड़कों के अलावा, एलिवेटेड एक्सप्रेसवे की भी सुविधा होगी। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाना है। इस हाईवे के बनने से यात्रियों को सफर करने में न केवल सुविधा होगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

प्रोजेक्ट की तैयारी
फोरलेन हाईवे के इस प्रोजेक्ट के लिए 50 प्रतिशत से अधिक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा चुकी है। इस रिपोर्ट में सभी तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरंगों और सड़कों के निर्माण की योजना बनाई गई है। इस परियोजना से न केवल सड़क परिवहन की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि रोजगार और पर्यटन के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

अर्थव्यवस्था और विकास
इस हाईवे के निर्माण से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी एक नया आयाम मिलेगा। यातायात की बढ़ती सुविधा और सुरंगों के माध्यम से होने वाले सुरक्षित सफर से पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा, जिससे राज्य की पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इससे लोगों की जीवनशैली में भी सुधार होगा, क्योंकि यह लंबी दूरी तय करने में कम समय और अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

कुल मिलाकर, यह हाईटेक हाईवे प्रोजेक्ट न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि देशभर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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