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ताऊ देवीलाल के लिए चिठियां लिखता था उनका यह बेटा

ताऊ देवीलाल

हरियाणा की सियासत में सबसे बड़ा राजनीतिक घराना रहा है चौधरी देवीलाल। खुद चौधरी देवीलाल दो बार मुख्यमंत्री, दो बार उपप्रधानमंत्री रहे। चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला सबसें अधिक पांच बार हरियाणा के चीफ मिनिस्टर रहे। वर्तमान में चौधरी देवीलाल के बेटे चौधरी रणजीत ङ्क्षसह हरियाणा सरकार में बिजली और जेल मंत्री हैं। चौधरी देवीलाल के पड़पौते दुष्यंत उपमुख्यमंत्री हैं। पौत्रवधु नैना चौटाला बाढड़ा से विधायक हैं तो पौते अभय चौटाला ऐलनाबाद से एमएलए हैं। चौधरी देवीलाल के बेटे स्व. प्रताप चौटाला भी साल 1967 में ऐलनाबाद से विधायक चुने गए। प्रताप भी लंबे समय तक सियासत में रहे। पर चौधरी देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश ङ्क्षसह को राजनीति कभी रास नहीं आई। चौधरी जगदीश इस समय दुनिया में नहीं है। चौधरी देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश की कहानी हरियाणा के सियासी पन्नो से गायब है। पर जगदीश की कहानी बड़ी दिलचस्प और अनूठी है। 

जगदीश को बेशक सियासत कभी रास नहीं आई। कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। पर कही न कहीं फिर भी सियासत के साथ उनका नाता रहा। वे अपने पिता चौधरी देवीलाल की गाड़ी चलाते थे। पढ़े लिखे थे। जगदीश अब इस दुनिया में नहीं हैं। वे सक्रिय सियासत से हमेशा दूर रहे। पर उनका एक अनकहा किस्सा है। वे देवीलाल की गाड़ी चलाया करते थे। उनके लिए ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में चि_ियां लिखा करते थे। सियासी किस्सों की सीरिज में देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश ङ्क्षसह का किस्सा।

देवीलाल की आज चौथी पीढ़ी भी सियासत में सक्रिय हैं। उनके तीनों बेटे सियासत में रहे। छोटे बेटे जगदीश ङ्क्षसह को राजनीति रास नहीं आई। पर एक बात बहुत कम लोगों को पता है। वो है जगदीश अपने पिता देवीलाल की गाड़ी ड्राइव करते थे। चौधरी देवीलाल अपने छोटे बेटे जगदीश को अपने साथ रखते थे। जगदीश अपने पिता की गाड़ी ड्राइव करते थे। देवीलाल की सियासत का वो संघर्ष का दौर था। संघर्ष के दौर में जगदीश उनके साथ रहे। वे न केवल उनकी गाड़ी चलाते थे, बल्कि देवीलाल की ओर चि_ी-पत्र लिखने का काम भी करते थे। जगदीश इतिहास व अंग्रेजी विषयों में एमए थे। एक अच्छे चिंतक थे। बंसीलाल सरकार में साल 1970 में देवीलाल हरियाणा खादी बोर्ड का चेयरमैन बने।  जगदीश अपने पिता के लिए ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में सियासत संबंधी चि_ियां लिखा करते थे।

 चौधरी देवीलाल भी अपने सबसे छोटे बेटे जगदीश को लाड करते थे। चौधरी देवीलाल ने कई बार जगदीश को चुनावी मैदान में उतारने की सोची। पर जगदीश ने कभी हामी नहीं भरी। खास पहलू यह है कि जब चौधरी देवीलाल ने साल 1972 में तोशाम और आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, तब भी चुनावी प्रबंधन काम उनके बेटे जगदीश संभाला करते थे। आज जगदीश बेशक इस दुनिया में नहीं है, पर उनके बेटे आदित्य सियासत में सक्रिय हैं। आदित्य साल 1996 में राजनीति में सक्रिय हुए।  साल छयानवे में देवीलाल ने आदित्य को साल्हावास विधानसभा का इंचार्ज बनाया था।

 आदित्य ने साल 2016 में अपनी भाभी कांता चौटाला को जिला परिषद चुनाव में हराया। 2019 के विधानसभा चुनाव में आदित्य ने डबवाली से चुनाव लड़ा। फिलहाल वे भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। जगदीश ङ्क्षसह के दूसरे बेटे अनिरुद्ध अपने भाई आदित्य का चुनावी प्रबंधन का जिम्मा देखते हैं तो तीसरे बेटे अभिषेक पेशे से अधिवक्ता हैं। यह भी एक खास तथ्य है कि चौधरी देवीलाल चौटाला के जिस घर में रहते थे, आज उस घर में जगदीश का परिवार रहता है। इस घर की भी एक दिलचस्प कहानी है। वो कहानी फिर कभी। दोस्तों यह थी देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश की एक अनसुनी कहानी।

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