विधानसभा चुनाव के बाद अब संगठन की मजबूती पर काम कर रही भाजपा
विधानसभा चुनाव के बाद अब संगठन की मजबूती पर काम कर रही भाजपा
-बूथ कमेटियों का गठन, मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद जिलाध्यक्षों के होंगे चुनाव
-50 लाख सदस्योंं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब 15 जनवरी तक चलेगा अभियान
प्रस्तुति: संजय अरोड़ा
भारतीय जनता पार्टी ने अपने 50 लाख सदस्यता अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही जनवरी के पहले पखवाड़े में बूथ कमेटियों के गठन के अलावा मंडलों के चुनाव करवाए जाने को लेकर ठोस रणनीति बना ली है। पार्टी की ओर से 1 जनवरी से 5 जनवरी तक बूथ कमेटियों का गठन किया जाएगा और 6 जनवरी से 12 जनवरी तक मंडलों के चुनाव करवाए जाएंगे। इसके साथ ही अगले साल ही जिलाध्यक्षों के चुनाव भी करवाए जाने हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा में अगले साल निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। इन चुनावों से पहले भाजपा अपना सदस्यता अभियान पूरा करने के अलावा संगठन में नए सिरे से चुनाव के माध्यम से नियुक्तियां करवाना चाहती है। भाजपा अपने सभी 376 मंडलों के चुनाव करवाने के अलावा सभी जिलों के अध्यक्ष पद के भी चुनाव करवाएगी। खास बात यह है कि भाजपा की ओर से संगठनात्मक चुनावों को लेकर 6 पर्यवेक्षकों की भी नियुक्तियां कर दी हैं और अब तक पार्टी 41 लाख सदस्य बनाने के अलावा 31 हजार सक्रिय सदस्य भी बना चुकी है। भाजपा की ओर से संगठनात्मक चुनाव को लेकर पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति कर दी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह से संसदीय बोर्ड की सदस्य डा. सुधा यादव को सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी का पर्यवेक्षक बनाया गया है। राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा को कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल जबकि पार्टी के संगठन महामंत्री सुरेंद्र पूनिया को सोनीपत, रोहतक, जींद, झज्जर की जिम्मेदारी दी गई है। घनश्यामदास अरोड़ा को पानीपत, फरीदाबाद, पलवल, पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा को महेंद्रगढ़, भिवानी, हिसार की जिम्मेदारी दी है। वेदपाल एडवोकेट को गुरुग्राम, नूंह और दादरी जिलाध्यक्ष स्तर के पदाधिकारियों का चुनाव संपन्न करवाना होगा। इसके पहले बूथ, मंडल स्तर के पदाधिकारी बनाए जाएंगे।
50 लाख सदस्य बनाने का है लक्ष्य
गौरतलब है कि भाजपा ने 8 नवंबर से अपना सदस्यता अभियान शुरू किया था और 15 दिसंबर तक 50 लाख सदस्य तथा 50 हजार सक्रिय सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अभी तक पार्टी 41 लाख सदस्य एवं 31 हजार सक्रिय सदस्य बनाए जा चुके हैं। ऐसे में अब पार्टी 15 जनवरी तक अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए रणनीति पर काम कर रही है। हरियाणा में भाजपा नए सदस्य बनाने में 9 लाख से पीछे चल रही है। इसे देखते हुए हाल ही में भाजपा ने 50 लाख का लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्यकत्र्ताओं की बजाय वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारा है। इनमें प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के अलावा पार्टी के संगठन प्रभारियों, महासचिव, जिलाध्यक्ष एवं मंडल अध्यक्ष शामिल होंगे। खास बात यह है कि भाजपा के ये सभी पदाधिकारी सदस्यता अभियान में पिछडऩे के कारणों के बारे में पता लगाएंगे और किस स्तर पर योजना में गलती हुई है, उसके बारे में पता लगाकर गलती में सुधार करेंगे। सदस्यता अभियान में पिछडऩे के कारणों का पता लगाने और योजना में हुई गलतियों का पता लगाने की जिम्मेदारी इन पर होगी।
संंगठनात्मक चुनाव के बाद निकाय चुनाव पर रहेगा पूरा फोकस
विशेष बात यह है कि संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के बाद भाजपा का पूरा फोकस अगले साल फरवरी-मार्च में प्रस्तावित निकाय चुनाव पर रहेगा। वैसे भी इस साल हुए विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा चुनावी प्रबंधन एवं रणनीति में दूसरे दलों से आगे है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के करीब दस दिन के भीतर ही पार्टी ने मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रिमंडल का गठन कर लिया और चुनाव परिणाम के करीब 1 माह बाद ही 8 नवंबर सके व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान का भी आगाज कर दिया। गौरतलब है कि प्रदेश में 10 नगर निगमों, 3 नगरपरिषदों एवं 21 नगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। छोटी सरकार के यह चुनाव इस बार इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि नगर निगमों की तर्ज पर पहली बार नगरपरिषदों एवं नगरपालिकाओं में अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होना है। ऐसे में शहर की सरकार के लिए इस बार के चुनाव काफी खास रहने वाले हैं।