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भाजपा जिला अध्यक्ष निताशा सिहाग ने कांग्रेस प्रत्याशी को भगवान राम पर दिए बयान पर घेरा

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जिला अध्यक्ष बोली, कभी राम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस की प्रत्याशी बताएं, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण का उनके नेताओं ने क्यों किया अनादर

-कांग्रेस को इस बात की नफ़रत है कि आखिर गरीब की थाली में भोजन और पांच लाख का निशुल्क इलाज की सुविधा क्यों मिली

- भाजपा जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस को बताया गरीब विरोधी 


सिरसा, 29 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष निताशा राकेश सिहाग ने कहा कि भगवान राम को काल्पनिक मानने वाली कांग्रेस की विचाराधारा हमेशा ही सनातन विरोधी रही है। सोशल मीडिया पर सिरसा से कांग्रेस की प्रत्याशी कुमारी सैलजा अब चुनावों के समय भगवान राम का नाम ले रही हैं, जबकि यह हकीकत है कि भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कुमारी सैलजा ने भी स्वीकृत नहीं किया। कांग्रेस प्रत्याशी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि 140 करोड़ हिंदूस्तानियों के लिए भगवान राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिव्य, गौरवशाली,

आनंदित क्षण था और उस दिव्य एवं भव्य आयोजन से भी कुमारी सैलजा सहित कांग्रेस के नेताओं ने दूरी बना ली। इससे कांग्रेस की मानसिकता जाहिर हो जाती है। निताशा ने कहा कि कांग्रेस के लिए भगवान राम काल्पनिक थे और यूपीए सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट में भी कांग्रेसी वकीलों ने यही तर्क दिया था। इसी के साथ भाजपा पर कुमारी सैलजा की ओर से झूठ बोलने व जुमले फैंकने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष निताशा ने कहा कि देश के गरीब की थाली में भाजपा की ओर से भोजन परोसना कांग्रेस को झूठ लगता है। कांग्रेस गरीब की थाली में मिले भोजन से नफरत करती है। 2010 में भी कांग्रेस गरीबों के राशन बंद करने की कोशिश कर चुकी है।

मोदी सरकार में आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसके अलावा आगामी पांच साल तक यह राशन उपलब्ध कराने की गारंटी मोदी ने दी है। कांग्रेस को गरीब को मिलने वाले पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज पर भी एतराज है। लोगों को निःशुल्क दी जा रही इलाज की सुविधा उन्हें झूठ लगती है। जबकि देश के करोड़ो लोग इस बात के साक्षी है के उन्हें आयुष्मान भारत योजना से लाभ मिला है। 14 करोड़ घरों में स्वच्छ जल पहुंचाना भी कांग्रेस को झूठ लगता है। कांग्रेस ने कभी नहीं चाहा कि रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो, इसके लिए कांग्रेस के वकील नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम को काल्पनिक तक कहा था।

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