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भारत के कानून में किए गए बदलाव- जानिए क्या हैं नए अपराधिक कानून

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भारत के कानून व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है! तीन नए कानून लागू किए गए हैं: भारतीय न्याय संहिता (बीएनएससी), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसएए) ये पुराने कानूनों - भारतीय दंड संहिता (आई पी सी), दंड प्रक्रिया संहिता (सी आर पी सी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे और भारत में न्याय प्रणाली के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल देंगे। आम नागरिकों से लेकर कानून से जुड़े लोगों तक, यह भारत में हर किसी को प्रभावित करेगा।

सरकार ने इन नए कानूनों को पुराने, औपनिवेशिक कानूनों को पीछे छोड़ने का एक बड़ा कदम बताया हैं। यह नए कानून हर किसी के लिए अधिक निष्पक्ष और आधुनिक न्याय प्रणाली बनाएंगे। यह ऐसा है मानो हम नए नियमों के साथ एकदम शुरुआत कर रहे हैं!

यह नए कानून लागू होने पर कानून व्यवस्था के पूरे तरीके को बदलकर रख देंगे। पुलिस शिकायत दर्ज करने का तरीका, सबूत इकट्ठा करने का तरीका और मामलों की जांच का तरीका - ये सब कुछ पहले जैसा नहीं रहेगा। इससे कानून से जुड़े सभी लोगों को काफी कुछ सीखना होगा, जिनमें वकील, पुलिसवाले, कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र, और जज बनने की इच्छा रखने वाले शामिल हैं।

वकीलों को इन नए कानूनों को अच्छी तरह से समझना होगा, जिनमें कई नए नियम (धाराएं और खंड) शामिल हैं। उनके लिए ये सीखना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन वे किसी भी मामले को लड़ते समय इन नए कानूनों को देख सहायता ले सकते हैं। असली चुनौती पुलिसवालों के लिए होगी, उन्हें मामले को मजबूत बनाने के लिए इन नए नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि शुरुआत में, नए तरीके अपनाने में गलतियां हो सकती हैं और इन गलतियों के कारण कुछ आरोपी रिहा हो सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे सभी लोग इस नई प्रणाली को अभ्यास में लाएंगे, यह सहज हो जाएगा।

 

पुलिस को नए कानूनों और अपराध रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नए कंप्यूटर प्रोग्राम की ट्रेनिंग दी जा रही है। एक पुलिस ऑफिसर ने बताया - ‘सब कुछ सीखने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन कई पुलिसकर्मियों को पिछले छह महीनों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है इन नए कानूनों के तहत गंभीर अपराधों के लिए ज्यादा सबूत जुटाने की जरूरत होगी, जैसे जांच के दौरान विज्ञान का इस्तेमाल करके सबूत इकट्ठा करना और वीडियो रिकॉर्डिंग करना। इसका मतलब है कि पुलिस को सबूत संभालने के लिए विशेष फॉरेंसिक टीमों और अच्छी वीडियो कैमरों की आवश्यकता होगी।

यह नया कानून, बीएनएसएस, पुलिस स्टेशन जाने की बजाय शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा देता है। ऑफिसर ने बताया कि इससे ज़्यादा शिकायतें दर्ज हो सकती हैं, जो अच्छी बात है। लेकिन इस बात की चिंता भी जताई कि कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर फर्जी शिकायतें भी दर्ज करा सकते हैं।

 

इन नए कानूनों को लागू करने में, कानून व्यवस्था से जुड़े सभी लोग,जैसे वकील, पुलिस, जज आदि को जल्दी से सीखना होगा। हालांकि शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये नए कानून अदालतों को और मजबूत बनाएंगे, ज्यादा पारदर्शी बनाएंगे और आम लोगों के लिए भी आसान बनाएंगे।

तीन नए कानूनों और उन सभी महत्वपूर्ण बदलाव को अच्छे से समझने के लिए जुड़िए Rest the Case से।

आज ही देखिए- restthecase.com

Rest the Case के बारे में

श्रेया शर्मा ने 2020 में "रेस्ट केस" की शुरुआत की। यह एक ऐसी वेबसाइट है जो भारत में लोगों को वकीलों और कानूनी जानकारी को आसानी से ढूंढने में मदद करती है। श्रेया ने देखा कि ब्रिटेन में कानूनी मदद पाना कितना आसान था, और वह भारत में भी इसे उतना ही आसान बनाना चाहती थीं। यह लॉकडाउन के बाद खासकर महत्वपूर्ण हो गया, जब लोगों के लिए अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल था।

श्रेया शर्मा- सी , Rest the Case

श्रेया शर्मा, वकील हैं और "रेस्ट केस" की संस्थापक हैं। वे चाहती हैं कि उनका प्लेटफॉर्म भारत में आपकी सभी कानूनी जरूरतों का एक समाधान केंद्र बन जाए। श्रेया ने कानून की पढ़ाई Cardiff University, Wales से की है। कानून की पढ़ाई के दौरान उन्होंने देखा कि वहां कानूनी मदद मिलना कितना आसान है, और वे यही चीज़ भारत के लिए भी चाहती थीं। श्रेया जानती हैं कि भारत में कानूनी व्यवस्था उलझन भरी हो सकती है, क्योंकि कानून हर समय बदलते रहते हैं। इसीलिए "रेस्ट केस" आपको वकीलों और कानूनी जानकारी से जोड़ता है, ताकि आप किसी भी तरह की समस्या, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, का समाधान निकाल सकें।

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