logo

अभय के सिर पर चौटाला की पगड़ी! दुष्यंत-अजय चौटाला के हाथों छीनी विरासत? इनेलो मुखिया, JJP आउट!

अभय के सिर पर चौटाला की पगड़ी!

ss
दुष्यंत-अजय चौटाला के हाथों छीनी विरासत? इनेलो मुखिया, JJP आउट!

ओम प्रकाश चौटाला की विरासत: अभय चौटाला बनेंगे असली वारिस?

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन के 11वें दिन उनकी रस्म पगड़ी का आयोजन किया गया। इस मौके पर हरियाणा समेत पूरे देश से बड़ी संख्या में नेता और लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। हालांकि, इस आयोजन में एक बड़ा सवाल चर्चा का केंद्र रहा – ओम प्रकाश चौटाला की विरासत कौन संभालेगा?

चौटाला परिवार का विघटन और राजनीतिक विभाजन

साल 2018 में चौटाला परिवार में राजनीतिक और पारिवारिक विभाजन हुआ। इसके बाद से ओम प्रकाश चौटाला लगातार अपने छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ खड़े रहे। जब ओम प्रकाश चौटाला जेल में थे, तो इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी अभय चौटाला ने निभाई। उन्होंने पार्टी को मजबूती से आगे बढ़ाया।

दूसरी ओर, अजय चौटाला और उनके परिवार ने जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) का गठन किया। 2019 के चुनाव में जेजेपी ने 10 सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन पिछले पांच सालों में पार्टी कमजोर पड़ गई।

रस्म पगड़ी में दिखी स्पष्टता

रस्म पगड़ी के आयोजन के पोस्टर में "अभय सिंह चौटाला एवं समस्त इनेलो परिवार" का उल्लेख किया गया। इससे यह संकेत मिल गया कि चौटाला परिवार और पार्टी का नेतृत्व अब अभय चौटाला के हाथों में होगा।

ओम प्रकाश चौटाला का पुराना बयान

ओम प्रकाश चौटाला ने अपने निधन से करीब एक साल पहले कैथल में आयोजित ताऊ देवीलाल जयंती समारोह में अभय चौटाला को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उन्होंने जनसभा में स्पष्ट रूप से कहा था, "यह जो अभय सिंह है, इसे तुम्हें सौंपता हूं। इसके हाथ मजबूत करो और इसे कामयाब बनाओ।"

चौटाला परिवार की एकता का सपना अधूरा

ओम प्रकाश चौटाला हमेशा अपने परिवार को एकजुट देखना चाहते थे। लेकिन, उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई। अजय चौटाला और अभय चौटाला के बीच की खाई अब और गहरी हो चुकी है। सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में यह लगभग तय हो चुका है कि चौटाला परिवार का पुनर्मिलन संभव नहीं है।

समर्थकों में निराशा

चौटाला परिवार के समर्थकों के बीच इस विभाजन ने मायूसी भरा संदेश छोड़ा है। हालांकि, अब यह स्पष्ट है कि ओम प्रकाश चौटाला की पगड़ी अभय चौटाला के सिर पर रखी जाएगी और वे ही चौटाला परिवार की विरासत संभालेंगे।

हरियाणा की राजनीति में आगे क्या?

अब सवाल यह है कि अभय चौटाला इस जिम्मेदारी को कैसे निभाएंगे और क्या वे चौटाला परिवार की खोई हुई राजनीतिक साख को वापस ला पाएंगे। हरियाणा की जनता इस पर क्या सोचती है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

निष्कर्ष
ओम प्रकाश चौटाला की विरासत को संभालने का भार अब अभय चौटाला के कंधों पर है। लेकिन, चौटाला परिवार की एकता का सपना फिलहाल अधूरा नजर आ रहा है। हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार की भूमिका पर जनता की नजर बनी हुई है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now