राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं केंद्रीय गृह मंत्री से मिले पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं केंद्रीय गृह मंत्री से मिले पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल
-उड़ीसा में सरकार बनने पर शाह ने दी लाल को बधाई
-प्रो. लाल ने द्रोपदी मूर्मू, जगदीप धनखड़ व शाह से मुलाकात दौरान उन्हें दी नववर्ष की शुभकामनाएं
प्रस्तुति: संजय अरोड़ा
उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने वीरवार को नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे मनीष सिंगला, पुत्रवधु रुचि सिंगला, अजय अग्रवाल, पौत्र लक्ष्य एवं प्रमिल गोयल मौजूद थे। प्रो. लाल ने राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़ एवं शाह को नववर्ष की बधाई दी। उन्होंने उड़ीसा में भाजपा की सरकार बनने पर भी अपनी शुभकामनाएं संप्रेषित की। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद प्रो. गणेशी लाल ने उन्हें राजनीति का चाणक्य बताते हुए कहा कि कि गृह मंत्री को नववर्ष की शुभकामनाएं दी और गृह मंत्री ने उड़ीसा में सरकार बनने की बधाई दी और उनसे हरियाणा के बारे में भी चर्चा की।
राज्यपाल के रूप में प्रो. लाल ने बनाई थी विशेष पहचान
विशेष बात यह है कि प्रो. गणेशीलाल 29 मई 2018 से लेकर 31 अक्तूबर 2023 करीब साढ़े 5 वर्षों तक उड़ीसा के राज्यपाल रहे। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उड़ीसा के राजभवन को आमजन के खोला और एक तरह से राजभवन को लोकभवन बनाया। उनका कार्यकाल सहज एवं विकास की गाथा रचने वाला रहा। इसीलिए उन्हें राज्यपाल की बजाय राज्यबाल यानी राज्य का बालक की संज्ञा दी गई। राज्यपाल के रूप में उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी और यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनसे मुलाकात के दौरान उनके कार्यकाल की प्रशंसा की। गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली हैं और प्रो. लाल ने उनसे भी उड़ीसा के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की।
संगठन में अहम पदों पर काम कर चुके हैं प्रो. लाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला के विद्यार्थी रहे प्रोफेसर गणेशी लाल वर्ष 1991 में राजनीति में आ गए। राजनीति में भी उनका लंबा अनुभव है। भारतीय जनता पार्टी में संगठन में कई पदों पर काम किया समय-समय पर प्रोफेसर गणेशी लाल ने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। संयम, अनुशासन और अपनी योग्यता के बलबूते पर महामहिम राज्यपाल के पद पर भी पहुंचे। हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर प्रोफेसर गणेशी लाल की गजब की पकड़ है। उड़ीसा के राज्यपाल के रूप में उन्होंने अपने कार्यकाल में लाजवाब काम किए। विशेष बात यह है कि प्रोफेसर गणेशी लाल ने राज्यपाल रहते हुए न केवल उडिय़ा भाषा सीखी बल्कि पहले उडिय़ा गीत उत्कल जननी में भी अपनी गायकी का जौहर दिखाया। 1964 से 1991 में विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन कार्य करने के बाद प्रोफेसर गणेशी लाल राजनीति में आ गए। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हरियाणा के चेयरमैन रहने के अलावा भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 1996 में प्रोफेसर गणेशी लाल सिरसा विधानसभा से विधायक चुने गए और 1996 से लेकर 1999 में हरियाणा विकास पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।