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आम लोगों के साथ गौरी शंकर की दुकान पर डा. तंवर ने खाए गोलगप्पे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी चख चुके हैं इस दुकान के गोलगप्पों का स्वाद

गोलगप्पों का स्वाद
Dr. Gauri Shankar at his shop with the common people. Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee has also tasted the golgappe of this shop
डा. तंवर

आम लोगों के साथ गौरी शंकर की दुकान पर डा. तंवर ने खाए गोलगप्पे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी चख चुके हैं इस दुकान के गोलगप्पों का स्वाद


सिरसा, 20 अप्रैल। सिरसा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डा. अशोक तंवर का अंदाजा निराला व अनूठा है। जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और अक्सर ही उनका यह रूप नजर आ जाता है। कभी वे खेतों में किसान संग भोजन करते हैं। बाजार में गुजरते हुए जूस की दुकान पर रुक जाते हैं तो कभी जलेबियों की दुकान पर पहुंच जाते हैं

। इसी कड़ी में शनिवार को डा. अशोक तंवर भादरा बाजार में गोलगप्पों की एक दुकान पर पहुंचे। उन्होंने आम लोगों के साथ खड़े होकर गोलगप्पों का स्वाद चखा। इस अवसर पर उनके साथ वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा, अमित सोनी व नरेंद्र कटारिया सहित अनेक लोग मौजूद थे। वैसे भी गोलगप्पों की यह दुकान किसी परिचय की मोहताज नहीं है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इस दुकान के भल्ले और गोलगप्पों का स्वाद चख चुके हैं।


दरअसल भादरा बाजार में गली कालू वैद्य वाली में स्थित गौरी शंकर चाट भंडार की दुकान गोलगप्पों और दही भल्लों के लिए मशहूर हैं। स्वाद के लिए यदि आप कुछ चटपटा खाने के शौकीन हैं, तो आपको दही भल्ले और गोलगप्पे जरूर याद आएंगे। सिरसा में गौरी शंकर चाट भंडार नाम की दुकान गोलगप्पों और दही भल्लों के स्वाद के लिए मशहूर है। वक्त के साथ बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन गौरी शंकर की दुकान में आज भी पुराने अंदाज में लोगों को दही भल्ले और गोलगप्पे खिलाए जाते हैं।

गौरी शंकर चाट भंडार पर आज भी घर में पीसे हुए मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। वो खुद घर से मसाले पीसकर लाते हैं। इसके साथ ही मिट्टी के बर्तनों में दही और चटनी रखी जाती है. जिससे कि पुराना स्वाद बरकरार रहे। गौरी शंकर बताते हैं कि 1947 से पहले उनके पिता ने इस काम की शुरुआत की थी, अब उनके बच्चे उनकी इन विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। गौरी शंकर ने बताया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे, तो सिरसा में भाजपा नेता महावीर प्रसाद रातूसरिया के घर पर आए थे. तब उन्होंने यहां के दही भल्ले का स्वाद चखा था. उनके अलावा पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल, पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला भी यहां के दही भल्लों का स्वाद ले चुके हैं।

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