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किसानों के जख्मों पर मुआवजे का मरहम लगाए सरकार: कुमारी सैलजा अंबाला-यमुनानगर के किसान सर्वाधिक दुखी, 07 महीने में दो बार बर्बाद हो चुकी फसल

Government should apply the balm of compensation on the wounds of farmers: Kumari Selja Farmers of Ambala-Yamunanagar are most unhappy, crops have been ruined twice in 07 months
 
किसानों के जख्मों पर मुआवजे का मरहम लगाए सरकार: कुमारी सैलजा​​​​​​​ अंबाला-यमुनानगर के किसान सर्वाधिक दुखी, 07 महीने में दो बार बर्बाद हो चुकी फसल

 चंडीगढ़, 10 फरवरी।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा की किसान विरोधी सरकार से अंबाला व यमुनानगर जिले के किसान सबसे अधिक दुखी हैं। इन किसानों की 07 महीनों में दो बार फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक तो बाढ़ से हुए नुकसान की भी भरपाई नहीं की गई है। अब ओलावृष्टि से फसलें चौपट हो गई हैं, पटवारियों की हड़ताल के कारण गिरदावरी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से सर्वाधिक नुकसान छछरौली, बिलासपुर, साढौरा, शहजादपुर, नारायणगढ़ व यमुनानगर के किसानों को हुआ है। ओलावृष्टि से सरसों की फसल तो बिल्कुल खत्म ही हो गई है। खत्म हो चुकी सरसों के पौधों को कटवाने के लिए भी 05 हजार रुपये प्रति एकड़ तक खर्च करना पड़ रहा है। इससे साफ है कि नुकसान के अवशेष खेत से हटाने के लिए भी किसान को कर्जदार होना पड़ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग के सर्वे के अनुसार अंबाला जिले में ओलावृष्टि से 24 हजार 400 एकड़ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जबकि यमुनानगर जिले में 77 हजार एकड़ फसल चौपट हो गई। सबसे अधिक नुकसान गेहूं की अगेती, तोडिय़ा व सरसों की फसल को हुआ है। इससे पहले जुलाई में आई बाढ़ की विभीषिका भी अंबाला, यमुनानगर के किसान भुगत चुके हैं, जब उनकी पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई थी।

उन्होंने कहा है कि बाढ़ से हुए नुकसान की गिरदावरी होने के बावजूद आज तक किसानों को सरकार की ओर से कोई राहत या मुआवजा राशि नहीं दी गई है। किसी तरह गन्ने की फसल से किसान घर खर्च चलाने की संभावना देख रहे थे, लेकिन चीनी मिल उनका गन्ना लेने के बावजूद पेमेंट को लटका कर रखती है और समय पर कभी भी भुगतान ही नहीं करती। ऐसे में लगातार दो फसलों में हुए नुकसान के कारण किसानों द्वारा लगाई गई पूंजी शून्य हो ही चुकी है, आमदनी का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण इलाके में चारे का संकट भी खड़ा होने की संभावना पैदा हो गई है। गन्ने का गोला खराब होने से चारा संकट और अधिक बढने की आशंका बनी हुई है। कोई भी आमदनी न होने के कारण मकान बनाने या बच्चों की शादी करने जैसे किसानों के सपने भी चकनाचूर हो गए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को बाढ़ से हुए नुकसान की तुरंत भरपाई करते हुए मौजूदा नुकसान की भरपाई के शीघ्र अति शीघ्र इंतजाम करने चाहिए।

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