भारतीय मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देगी सरकार, देश के बाहर रुपया खाता खोलने की मिलेगी इजाजत , जानिए पूरी जानकारी
भारतीय मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद और आगे बढ़ गई है। भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वह लोगों को देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा। यह कदम घरेलू मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मुद्रा बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उभरते व्यापक आर्थिक माहौल के साथ फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) परिचालन ढांचे की भागीदारी पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न दिशानिर्देशों को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा. आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-2 के लिए रणनीतिक कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है
भारत से बाहर रहने वाले भारतीयों को मिलेगी सुविधा
खबर के मुताबिक, बाहरी यानी विदेश से वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) ढांचे को उदार बनाना और ईसीबी और ट्रेड क्रेडिट रिपोर्टिंग और अनुमोदन (स्पेक्ट्रा) परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के चरण 1 की शुरुआत करना। रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई घरेलू मुद्रा को वैश्विक स्तर पर प्रमुख मुद्राओं में शामिल करने के लिए 2024-25 एजेंडे के हिस्से के रूप में भारत के बाहर रहने वाले निवासी व्यक्तियों (पीआरओआई) को देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा।
आरबीआई का उद्देश्य
RBI की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकों का PROI को विशेष खातों (विशेष गैर-निवासी रुपया-SNRR) और विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता (SRVA) के माध्यम से रुपये में उधार देना और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और पोर्टफोलियो निवेश को सक्षम करना उद्देश्य है।
उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) को तर्कसंगत बनाना और फेमा के तहत आईएफएससी (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) नियमों की समीक्षा करना भी चालू वित्तीय वर्ष के एजेंडे का हिस्सा है। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार के निपटान को सक्षम करने के लिए भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने की दिशा में नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है।