हरियाणा में सरकारी स्कूल के छात्र पढ़ाई के साथ-साथ मूर्तिकला का हुनर भी सीखेंगे , जानिए नई योजना के बारे में
टबर उत्सव के तहत हरियाणा के सभी जिलों के विभिन्न सरकारी स्कूलों के कक्षा 9 और 12 के लगभग 40 से 50 छात्र किताबी ज्ञान के साथ-साथ मूर्तिकला कौशल भी सीखेंगे। इसी उद्देश्य से हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीष्म अवकाश के दौरान 30 जून तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक कार्यक्रम चलेगा।
गौरतलब है कि ऐलनाबाद के राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने इस महोत्सव के तहत बच्चों को मूर्तिकला का हुनर देना शुरू किया है. प्रशिक्षण आधुनिक मूर्तिकला क्ले मॉडलिंग, रिलीफ और 3 डी मूर्तिकला कला में हरियाणवी संस्कृति पर आधारित होगा।
ग्रीष्मावकाश के दौरान विद्यार्थियों का रचनात्मक/कलात्मक विकास कराने हेतु यह प्रशिक्षण बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में कारगर सिद्ध होगा। जिले के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर मूर्तिकला का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे छात्र भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्तिकला प्रतियोगिताओं के बारे में भी जान सकेंगे। इस शिविर में छात्रों को राज्य के कुशल कलाकारों और सह-कलाकारों द्वारा मूर्तिकला से परिचित कराया जाएगा और मिट्टी, पीओपी (अन्य माध्यम) और प्रयुक्त सामग्रियों से छोटी मूर्तियां बनाकर रंगों के साथ कौशल भी सिखाया जाएगा। इससे उन्हें भविष्य में मूर्तिकला के क्षेत्र में शिक्षा के साथ-साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, रोजगार और करियर बनाने का ज्ञान मिलेगा।
प्रशिक्षण देने वाले कलाकार कला संस्कृति एवं मूर्तिकला के उत्थान, संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के लिए कला को निखारेंगे, ताकि छात्र अपना करियर बना सकें. जिले में आधुनिक मूर्तिकला को बढ़ावा देने के लिए यह शिविर काफी उपयोगी साबित होगा। इस शिविर में प्रतिदिन विद्यार्थियों को जलपान भी दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि शिविर में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी एक माह तक निःशुल्क भाग ले सकते हैं। तबर उत्सव, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी जी अनुपमा एवं सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार एवं विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में (मूर्तिकला) एवं कार्यक्रम अधिकारी (संस्कृति) अमनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में जिले में संचालित किया जा रहा है।
निपुण कलाकार आशीष कुमार एवं सहायक कलाकार अभिषेक सहारण ने बताया कि मूर्तिकला ही एकमात्र ऐसा विषय है जिसमें सभी विषयों की पढ़ाई एक साथ होती है। यह शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक ज्ञान को नवीनीकृत करता है। हरियाणा राज्य में लुप्तप्राय मूर्तिकला के विकास और विभिन्न माध्यमों जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टेराकोटा, कांच, वेल्डिंग, सिरेमिक, असेंबल आदि से भी अवगत कराया जाएगा। कक्षाओं को प्रयोगात्मक और रोचक बनाने के लिए लाइव मॉडल डेमो का भी उपयोग किया जाएगा।
प्राचार्य अनिल दहिया ने बताया कि इन 30 दिनों में जिले के लगभग 40 से 50 विद्यार्थी तकनीकी एवं कलात्मक पहलुओं से लाभान्वित होंगे। इस कैंप को करने से बच्चों को सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे सोशल मीडिया से दूर रहकर इसमें रुचि ले रहे हैं और अपने समय का सही उपयोग कर रहे हैं और अपनी कल्पना शक्ति से नई-नई रचनात्मक चीजें सीख रहे हैं और बच्चे धीरे-धीरे खुद ही सीख रहे हैं और इससे जुड़ रहे हैं। वे अपने भविष्य को सकारात्मक दिशा में ले जा रहे हैं। इस तरह के समारोह अभिभावकों को भी अपनी रुचि दिखाने और अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।