सरपंच एसोसिएशन हरियाणा ने प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
Sarpanch Association Haryana submitted memorandum to the Prime Minister
Feb 2, 2024, 16:45 IST
सिरसा। सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की ओर से अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम बीडीपीओ विशाल बाजवा को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन कार्यक्रम सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल व जिला प्रधान जसकरण सिंह कंग की संयुक्त अध्यक्षता में किया गया। संतोष बैनीवाल व जसकरण सिंह कंग ने संयुक्त रूप से बताया कि सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की ओर से फैसला लिया गया था कि 1 फरवरी को जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रदेशभर में ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांवों की सरकार लंबे समय से अपने हकों को पाने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन तानाशाही सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही और गांवों की सरकार को समाप्त करना चाहती है। बैनीवाल ने कहा कि 2024 का लोकसभा व विधानसभा चुनाव आने वाला है। अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों संबंधी कोई संज्ञान नहीं लिया तो सभी सरपंच अपने-अपने गांवों में घर-घर जाकर लोगों को सरकार की कुनीतियों के प्रति जागरूक किया जाएगा। सीएम से बातचीत को लेकर बैनीवाल ने कहा कि जब-जब सीएम से मीटिंग हुई है। मीटिंग में तो सीएम सब कुछ मान लेते हंै, लेकिन बाद में उसपर अमल नहीं करते। सरकार की कुनीतियों के कारण ही आज हर वर्ग धरने पर है। सरकार को अपनी कारगुजारी का खामियाजा आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा, जब जनता उसका पूरी तरह से सूपड़ा साफ करेगी। इस मौके पर सरपंच मांगेराम बैनीवाल, माखोसरानी से सुभाष कासनियां, सरपंच वेदप्रकाश, रघुवीर, किरणा रानी, सोमवती, कांता, वेदप्रकाश, समेस्ता सहित जिलेभर के गांवों के सरपंच उपस्थित थे।
ये है सरपंचों की प्रमुख मांगें:
भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में (अनुच्छेद 243जी) शामिल है, जिसे भारतीय संविधान के 29वें संशोधन अधिनियम 73 में 1992वीं अनुसूची को 11 में इस अनुसूची में विषय शामिल है। इस अनुसूची में पंचायत की शक्तियां, ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन, बाजार, सडक़ और पेयजल आदि जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हंै। इसके तहत अधिकार पूर्णत: पंचायतों को दे दिया जाए। राईट टू रिकॉल एक्ट निरस्त किया जाए। ई-टेंडर प्रणाली को निरस्त किया जाए। पंचायतों के प्रस्ताव में विधायक का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। पंचायत अपना कार्य करने के लिए पूर्णत: स्वतंत्र होनी चाहिए।
ये है सरपंचों की प्रमुख मांगें:
भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में (अनुच्छेद 243जी) शामिल है, जिसे भारतीय संविधान के 29वें संशोधन अधिनियम 73 में 1992वीं अनुसूची को 11 में इस अनुसूची में विषय शामिल है। इस अनुसूची में पंचायत की शक्तियां, ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन, बाजार, सडक़ और पेयजल आदि जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हंै। इसके तहत अधिकार पूर्णत: पंचायतों को दे दिया जाए। राईट टू रिकॉल एक्ट निरस्त किया जाए। ई-टेंडर प्रणाली को निरस्त किया जाए। पंचायतों के प्रस्ताव में विधायक का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। पंचायत अपना कार्य करने के लिए पूर्णत: स्वतंत्र होनी चाहिए।
WhatsApp
Group
Join Now
Telegram
Group
Join Now