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इस बार करवा चौथ पूजा का मुहूर्त कब से कब तक है? ऐसे करें व्रत

 करवा चौथ पूजा

करवा चौथ एक विशेष पर्व है जिसे भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस साल करवा चौथ 14 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। व्रत का मुहूर्त और पूजा का समय कुछ इस प्रकार है:

करवा चौथ पूजा का मुहूर्त:
चतुर्थी तिथि (कृष्ण पक्ष): 14 अक्टूबर 2024 (सोमवार)
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 14 अक्टूबर 2024, सुबह 1:41 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 15 अक्टूबर 2024, सुबह 3:16 बजे तक
सर्वोत्तम पूजा समय (अमृत काल): 14 अक्टूबर 2024, शाम 5:55 बजे से 7:16 बजे तक
चंद्रोदय (चाँद निकलने का समय): 14 अक्टूबर 2024, रात 8:08 बजे
व्रत का तरीका और विधि:
स्नान और शुद्धता:

करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से करें। व्रति को शुद्ध होकर पूजा स्थान को साफ करना चाहिए।
व्रत के दिन एकवस्त्र (सिंपल और साफ कपड़े) पहनना शुभ माना जाता है।
उपवास (व्रत):

करवा चौथ व्रत में निर्जला उपवास रखा जाता है, यानी पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए रहना होता है। महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद की पूजा तक कुछ नहीं खातीं।
इस दिन महिलाएं पूरे दिन सिर्फ पानी या फल ले सकती हैं, परंतु पूरी तरह से व्रत का पालन करना अनिवार्य है।
पूजा विधि:

संध्या समय में करवा चौथ पूजा की जाती है। पूजा के लिए एक करवा (मिट्टी का बर्तन), दीपक, सुपारी, चूड़ी, सिंदूर, फूल और पानी की आवश्यकता होती है।
सबसे पहले करवा को अच्छे से साफ करके उसमें पानी भरें।
फिर एक छोटी सी चांद की तस्वीर या चांद का प्रतीक रखें।
पूजा के दौरान सास/माँ/अन्य बुजुर्ग महिला से आशीर्वाद लें, क्योंकि करवा चौथ में परंपरा है कि बुजुर्ग महिलाओं का आशीर्वाद लिया जाता है।
उपवास के साथ-साथ करवा चौथ कथा सुनना जरूरी होता है। इसमें भगवान शिव, पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
चांद की पूजा: जब रात को चाँद निकल जाए, तो चाँद की पूजा करें और पानी में करवा को रखकर पति के हाथ में दें। इसके बाद पति द्वारा पानी पिलाने पर व्रत पूरा होता है। यह चांद के दर्शन के बाद होता है।


पति द्वारा व्रति को भोजन कराना:

व्रत के दिन महिला दिनभर उपवास करती है, और जब चाँद के दर्शन होते हैं, तब उसका पति उसे पानी पिलाता है और फिर भोजन कराता है।
इस दौरान पति के हाथ से भोजन करने से व्रति का उपवास पूरा होता है और व्रति की मनोकामना पूरी होती है।
विशेष ध्यान:

इस दिन राहु काल में पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दिन का राहु काल शाम 5:55 बजे से लेकर 7:16 बजे तक है, इसलिए पूजा उसके बाद ही करें।
पूजा के समय मांगलिक गीत और भजन गाना भी इस दिन की परंपरा में शामिल है।


करवा चौथ के कुछ खास टिप्स:
इस दिन खाना बनाना और घर की साफ-सफाई को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
महिलाएं इस दिन रंगीन चूड़ियाँ, लहंगे और साड़ी पहनती हैं।
पूजा के बाद व्रति को पति के हाथ से पानी और भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिससे व्रत का समापन होता है।

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