घर में कितनी होनी चाहिए सीढ़िया, और जानें कौन-सी दिशा में हो ?

घर में सीढ़ियाँ (Stairs) का स्थान और दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण होती है। सीढ़ियों का सही स्थान और दिशा न केवल घर के सौंदर्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि यह आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा (वास्तु ऊर्जा) को भी प्रभावित कर सकते हैं। सही दिशा में सीढ़ियाँ बनवाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के लिए सही दिशा:
उत्तर या पूर्व दिशा में सीढ़ियाँ:
उत्तर दिशा: यदि सीढ़ियाँ उत्तर दिशा में हों तो यह शुभ मानी जाती हैं। उत्तर दिशा से आने वाली ऊर्जा को सकारात्मक रूप से आकर्षित करने का काम करती है।
पूर्व दिशा: पूर्व दिशा में सीढ़ियाँ भी शुभ होती हैं। यह दिशा सूर्य के प्रकाश की दिशा है, जो घर में सकारात्मकता और समृद्धि लेकर आता है।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में सीढ़ियाँ:
दक्षिण दिशा में सीढ़ियाँ बनवाना वास्तु शास्त्र के अनुसार अवांछनीय माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और समृद्धि में कमी हो सकती है।
पश्चिम दिशा में भी सीढ़ियाँ बनवाना ठीक नहीं है। यह दिशा घर की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
दिशाओं का संयोजन:
यदि सीढ़ियाँ दक्षिण-पूर्व (SE) या उत्तर-पश्चिम (NW) दिशा में हों, तो घर की ऊर्जा प्रभावित होती है। इन दिशाओं में सीढ़ियाँ बनाने से वास्तु दोष हो सकता है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा (SW) में सीढ़ियाँ बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए। यह स्थान विशेष रूप से नकारात्मक माना जाता है, और इससे घर में खर्च और समस्याओं में वृद्धि हो सकती है।
सीढ़ियों की संख्या (Number of Stairs) वास्तु शास्त्र में:
सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए (जैसे 1, 3, 5, 7, 9)। वास्तु के अनुसार विषम संख्या में सीढ़ियाँ चढ़ना और उतरना शुभ होता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
समान संख्या (Even Number) में सीढ़ियाँ मानी जाती हैं अशुभ। इससे घर में नकारात्मकता और नफरत की भावना बढ़ सकती है।
सीढ़ियों के डिजाइन के लिए कुछ और वास्तु टिप्स:
सीढ़ियाँ कभी भी घर के बीच में नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह घर के संतुलन को प्रभावित करती है। इसे घर के एक कोने में रखना बेहतर होता है।
सीढ़ियों का स्थान न तो सीधे प्रवेश द्वार के पास होना चाहिए, न ही बेडरूम के पास, ताकि यह व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित न करे।
सीढ़ियों में पर्याप्त रोशनी और हवा होनी चाहिए, ताकि घर में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
सीढ़ियों की ऊंचाई समान होनी चाहिए। अगर एक सीढ़ी दूसरी से ऊंची या नीची हो तो यह वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
सीढ़ियों के नीचे कोई सामान नहीं रखना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे सामान रखना नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनता है और इसे वास्तु दोष माना जाता है।
सीढ़ियों के आकार और डिज़ाइन:
सीढ़ियों का आकार चौड़ा और आरामदायक होना चाहिए, जिससे चढ़ने में कोई कठिनाई न हो। सीढ़ियों की रैलिंग भी मजबूत और सुरक्षित होनी चाहिए।
सीढ़ियों में कोई तेज या खड़ी जगह नहीं होनी चाहिए, ताकि किसी को चढ़ने-उतरने में परेशानी न हो।
संक्षेप में:
सीढ़ियाँ घर की उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए।
सीढ़ियाँ विषम संख्या में (जैसे 1, 3, 5, 7, 9) होनी चाहिए।
सीढ़ियों का आकार और डिज़ाइन आरामदायक और सुरक्षित होना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में सीढ़ियाँ नहीं होनी चाहिए।
इन वास्तु टिप्स के अनुसार यदि आप अपने घर में सीढ़ियों को सही दिशा और संख्या में बनवाते हैं, तो यह घर में समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मकता लाने में मदद करेगा।