ई-क्षतिपूर्ति फसल मुआवजे के लिए आवेदन कैसे करें | ₹15000 Fasal Muaawja Kaise milega 2025
ई-क्षतिपूर्ति फसल मुआवजे के लिए आवेदन कैसे करें

हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान: ओला वृष्टि और फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा मुआवजा
हरियाणा में हाल ही में हुई ओला वृष्टि और भारी बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस स्थिति में हरियाणा सरकार ने किसानों की मदद के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। सरकार ने फसल नुकसान के लिए ₹12,000 प्रति एकड़ तक मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, अन्य योजनाओं के तहत भी किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राहत
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत, यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हो जाती है, तो किसानों को प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता है। जिन किसानों ने इस योजना के तहत बीमा कराया हुआ है, वे इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। बीमा का लाभ लेने के लिए किसान अपने नजदीकी CSC केंद्र या संबंधित बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि मुआवजे का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। यह पोर्टल हर साल फसल से संबंधित जानकारी दर्ज करने के लिए किसानों के लिए उपलब्ध होता है।
नई पोर्टल: क्षतिपूर्ति योजना
फसल नुकसान की स्थिति में "क्षतिपूर्ति योजना" के तहत किसानों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाती है। ओला वृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के बाद इस पोर्टल को एक्टिव किया जाता है। किसान फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
फसल मुआवजा प्राप्त करने के लिए किसानों को निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- फैमिली आईडी
- बैंक खाता विवरण (जिसमें डीबीटी चालू हो)
- खेत का खसरा नंबर या खेवट नंबर
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (फैमिली आईडी से लिंक)
ओला वृष्टि प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष राहत
जहां ओला वृष्टि और भारी बारिश से नुकसान हुआ है, वहां के किसानों को ₹12,000 प्रति एकड़ तक मुआवजा मिलेगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में नुकसान कम हुआ है, वहां किसानों को ₹6,000 प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण तारीखें और जानकारी
"मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी। हालांकि, उम्मीद है कि इस तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा। किसान समय पर अपना रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें ताकि उन्हें मुआवजे का लाभ मिल सके।
हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के लिए राहत लेकर आया है। सभी किसान अपने दस्तावेज तैयार रखें और रजिस्ट्रेशन समय पर कराएं। फसल नुकसान के मुआवजे से जुड़े किसी भी अपडेट के लिए सरकारी पोर्टल और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखें।