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अगर आपका बच्चा रहता है चीड़-चिड़ा, तो ऐसे करें उसको ठीक

 बच्चा रहता है चीड़-चिड़ा

अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ा रहता है, तो यह आपके लिए चिंता का कारण हो सकता है। बच्चों का चिड़चिड़ा होना कई कारणों से हो सकता है, जैसे थकावट, भूख, नींद की कमी, दिमागी तनाव, या फिर शारीरिक असुविधा। हालांकि, यह सामान्य भी हो सकता है, लेकिन यदि यह लगातार हो तो इसे नज़रअंदाज़ करना सही नहीं होता। इस समस्या से निपटने के लिए आपको कुछ सरल उपायों को अपनाने की जरूरत होती है।

बच्चों के चिड़चिड़ेपन के कारण
नींद की कमी: बच्चों को अच्छी नींद की जरूरत होती है। यदि बच्चा ठीक से नहीं सोता या सोने का समय गड़बड़ होता है, तो वह चिड़चिड़ा हो सकता है।
भूख और खानपान: भूख के कारण भी बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं। सही समय पर और सही प्रकार का खाना न मिलने पर वे चिढ़ सकते हैं।
शारीरिक असुविधा: पेट में दर्द, दांत निकलना या किसी अन्य शारीरिक परेशानी के कारण भी बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं।


मूड स्विंग्स: बच्चे अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे उनका चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
परिवेशीय तनाव: घर में हो रहे बदलाव, जैसे माता-पिता के बीच विवाद, परिवार में किसी का बीमार होना, या घर में किसी तरह का तनाव, बच्चे पर असर डाल सकता है।
टीवी या मोबाइल की ज्यादा स्क्रीन टाइम: अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बच्चे का मन और मस्तिष्क थक सकते हैं, जिससे उनका मूड चिड़चिड़ा हो सकता है।
बच्चे के चिड़चिड़ेपन को ठीक करने के उपाय


1. अच्छी नींद सुनिश्चित करें
बच्चों के लिए पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। बच्चे को हर दिन एक निर्धारित समय पर सुलाने की कोशिश करें।
सोने से पहले रिलैक्सिंग एक्टिविटी (जैसे हल्की किताब पढ़ना, या धीमा संगीत सुनना) बच्चे को आराम देने में मदद कर सकती है।
बच्चा अगर रात को बार-बार जाग रहा है, तो इस पर ध्यान दें और उनकी नींद की आदतों को सुधारें।


2. भोजन का ध्यान रखें
समय पर भोजन कराना बेहद जरूरी है। बच्चा अगर भूखा रहेगा तो चिड़चिड़ा हो सकता है।
स्वस्थ और संतुलित आहार देना भी जरूरी है। बहुत ज्यादा चीनी या तला-भुना खाना बच्चों के मूड को प्रभावित कर सकता है।
रोज़ाना फल, सब्ज़ियां और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करें।


3. समय पर आराम और खेल
बच्चे के लिए खेल और शारीरिक गतिविधि बहुत ज़रूरी है। बच्चों को खेलने से मानसिक और शारीरिक राहत मिलती है।
आउटडोर गेम्स या खेलने के समय बच्चों की ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ सकते हैं, जिससे उनका चिड़चिड़ापन कम होता है।


4. भावनाओं की समझ बढ़ाएं
बच्चों के भावनाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करने का मौका देना बेहद महत्वपूर्ण है। जब वे चिड़चिड़े होते हैं, तो उनसे बात करें और जानने की कोशिश करें कि उन्हें क्या परेशानी है।
मुलायम शब्दों में उन्हें शांत करने की कोशिश करें। कभी-कभी बस एक गले लगाना या उन्हें यह एहसास दिलाना कि आप उनके साथ हैं, उनकी भावनाओं को शांत कर सकता है।


5. अधिक स्क्रीन टाइम से बचें
अगर बच्चा टीवी या मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहा है, तो उसे कम करने की कोशिश करें।
नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए स्क्रीन टाइम को सीमित रखें, खासकर सोने से पहले। इससे बच्चों का मूड बेहतर रहेगा और उनकी नींद भी ठीक होगी।


6. घर के वातावरण को शांत और सुखद बनाएं
बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य उनके वातावरण पर निर्भर करता है। घर में शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखें।
परिवार में तनाव और झगड़े से बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि घर में कोई तनाव हो, तो उसे बच्चों से छुपाकर रखें।


7. प्रेरित करें और सकारात्मक वातावरण बनाएं
बच्चों को प्रशंसा और प्रोत्साहन दें जब वे अच्छा व्यवहार करें। यह उन्हें खुश और शांत बनाए रखने में मदद करेगा।
सकारात्मक माहौल बच्चों को स्थिर और संतुलित रखने में मदद करता है। जब बच्चा शांत होता है, तो उसकी सराहना करें और उसे प्यार से सिखाएं।


8. स्वास्थ्य की जांच करवाएं
अगर चिड़चिड़ापन लगातार बढ़ रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। कभी-कभी यह किसी शारीरिक समस्या (जैसे पेट में दर्द, दांत निकलना, या कोई और बीमारी) का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लें।

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