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हमारे हरियाणा में अब सरपंच खुद करवा सकेंगे 5 लाख तक के काम , बाकी के होंगे ई-टेंडरिंग से ही

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Breaking News: अब हरियाणा में 5 लाख तक के काम सरपंच खुद करवा सकेंगे, बाकी के होंगे ई-टेंडरिंग से ही

हरियाणा के गांवों में अब सरपंचों के पास 5 लाख रुपये तक के विकास कार्य अपनी मर्जी से करवाने के अधिकार होंगे। इससे अधिक राशि के कार्य ई-टेंडरिंग के जरिये ही होंगे। हालांकि कुछेक सरपंच अभी भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी करके पंचायत अपना स्टैंड विभाग ने जारी स्पष्ट कर किए निर्देश दिया है।
विकास एवं पंचायत विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से सरकार के फैसले के बाद सभी अधीक्षण एवं कार्यकारी अभियंताओं को लिखित में निर्देश भेजे गए हैं। उन्हें कहा गया है कि वे ग्राउंड पर इन निर्देश को लागू करवाना सुनिश्चित करें। विपक्ष द्वारा भी ई- टेंडरिंग का विरोध किया गया, लेकिन सरकार अपने फैसले से पीछे नहीं हटी। बड़ी संख्या में सरपंच और गांव के लोग भी ई टेंडरिंग के जरिये विकास कार्य करवाए जाने के पक्ष में हैं। सरपंचों ने ई-टेंडरिंग का लम्बे समय तकविरोध भी किया।
बाद में सरपंच भी दो फाड़ हो गए। बड़ी संख्या में सरपंचों ने ई-टेंडरिंग के जरिये काम शुरू भी कर दिए हैं। इसके लिए बाकायदा विकास कार्यों की प्रपोजल बनाकर सरकार को भेजी गई है। सीएम मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि ई-टेंडरिंग के माध्यम से विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी तथा भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान भी सीएम ई- टेंडरिंग को लेकर ग्रामीणों से फीडबैक ले चुके हैं।
ग्राउंड स्तर पर जब लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया सामने आई तो सरकार ने अपने फैसले को लागू रखने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि ई-टेंडरिंग से विकास कार्यों की अधिकता होगी। कि चूंकि सारा पैसा विकास पर खर्च होगा और सरपंच अथवा किसी ठेकेदार या बिचौलिये की जेब में नहीं जाएगा।


कुरुक्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक सरपंच ने खुले मंच पर मुख्यमंत्री को जब यह बताया कि ई-टेंडरिंग के जरिये उन्होंने लाखों रुपये की बचत की है तो मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी टीम का हिस्सा बनाने की घोषणा तक कर दी। पंचायती राज, लोक निर्माण विभाग हरियाणा के मुख्य अभियंता की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि अब पांच लाख रुपये से अधिक के सभी कार्य ई-टेंडरिंग के माध्यम से होंगे और राज्य सरकार की हिदायतों के मुताबिक सभी कार्यों की असेसमेंट पोर्टल पर ही ई-मेजरमेंट बुक में इंद्राज की जाएगी।

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