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इन हालातों में रहना चाहिए हमेशा चुप, जया किशोरी ने बताएं टिप्स

जया किशोरी ने बताएं टिप्स 

इन हालातों में रहना चाहिए हमेशा चुप, जया किशोरी ने बताएं टिप्स

जया किशोरी, जो एक प्रसिद्ध संत और भाग्यशाली कथा वाचक हैं, अपने प्रवचनों और उपदेशों के जरिए जीवन को सरल और खुशहाल बनाने के लिए मार्गदर्शन देती हैं। वे अक्सर अपनी बातों में यह भी कहती हैं कि कभी-कभी चुप रहना और सही समय पर मौन धारण करना भी बेहद जरूरी होता है। उन्होंने अपने विचारों में ऐसे कई हालातों का जिक्र किया है, जब हमें चुप रहना चाहिए ताकि हमारी शांति और मानसिक स्थिति बनी रहे।

आइए, जानें जया किशोरी द्वारा दिए गए वे टिप्स, जिनमें हमें चुप रहना चाहिए:

1. जहां बातों से किसी को ठेस पहुंचती हो
जब आप किसी से बात करें और वह व्यक्ति आपकी बातों से दुखी या आहत हो जाए, तो उस स्थिति में चुप रहना सबसे सही होता है। जया किशोरी कहती हैं कि हमें कभी भी अपनी बातें इतनी कठोरता से नहीं करनी चाहिए कि सामने वाले का दिल दुख जाए। ऐसे वक्त में हमें मौन रहने से अच्छा कोई उपाय नहीं है। शांति से सोचें और फिर उचित शब्दों का चयन करें।

2. जब किसी की मानसिक स्थिति कमजोर हो
कई बार लोग मानसिक रूप से कमजोर होते हैं और ऐसे में उन्हें ज्यादा बोला या समझाया जाए तो वे गुस्से या दुखी हो सकते हैं। जया किशोरी के अनुसार, जब सामने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर या संवेदनशील हो, तो ऐसे में उसे कोई बात कहने से पहले सोच समझ कर बोलना चाहिए। कभी-कभी हमें चुप रहकर ही उस व्यक्ति को आराम और शांति दे सकते हैं।

3. जब विवाद बढ़ाने का खतरा हो
अगर किसी बातचीत या विवाद में आप देख रहे हैं कि बात बढ़ सकती है और इससे किसी की भावनाओं को चोट पहुंच सकती है या आपसी रिश्ते में दरार आ सकती है, तो उस समय आपको चुप रहना चाहिए। जया किशोरी का कहना है कि ऐसे मामलों में अगर आप चुप रहते हैं तो आप विवाद को बढ़ने से रोक सकते हैं। इससे आपके रिश्ते भी मजबूत रहेंगे और मानसिक शांति बनी रहेगी।

4. जब आपकी राय नकारात्मक हो
जब आपके पास किसी व्यक्ति के बारे में नकारात्मक राय हो, तो उसे खुलकर न कहें। जया किशोरी के अनुसार, किसी के बारे में नकारात्मक बात करने से केवल गलतफहमियां और रिश्तों में तनाव आता है। ऐसे में हमें यह समझना चाहिए कि सकारात्मकता से ही वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है। अगर आपके पास कोई नकारात्मक विचार है, तो उसे अपनी तरफ से न कहें। बेहतर होगा कि चुप रहें और शांत मन से सोचें।

5. जब आप गुस्से में हों
गुस्से में बहुत कुछ कहा जा सकता है, जो बाद में पछतावा हो सकता है। जया किशोरी का मानना है कि गुस्से में चुप रहना बहुत ही फायदेमंद होता है। गुस्से में कहे गए शब्द किसी के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। इस स्थिति में हमें शांत रहना चाहिए और गहरी सांस लेकर खुद को शांत करने का प्रयास करना चाहिए। गुस्सा शांत होते ही आपको सही शब्द मिलेंगे और आप अपने विचारों को अच्छे तरीके से प्रस्तुत कर पाएंगे।

6. जब आपकी बातों से कोई कंफ्यूजन हो सकता हो
कभी-कभी हम कुछ बोलते हैं, लेकिन वह सामने वाले को समझ में नहीं आता। ऐसे में हमें अपनी बातों को स्पष्ट रूप से कहने के बजाय थोड़ा सोच-समझकर बोलना चाहिए। जया किशोरी का कहना है कि ऐसे मामलों में चुप रहना ज्यादा समझदारी है, क्योंकि कुछ कहा हुआ और समझ में न आए, तो स्थिति और खराब हो सकती है।

7. जब आप अकेले हों और दूसरों की बातें सुन रहे हों
जया किशोरी के अनुसार, जब आप अकेले होते हैं और आसपास लोग बातें कर रहे होते हैं, तो ऐसे में हमें चुप रहकर उनकी बातें सुननी चाहिए, बजाय कि उसमें हस्तक्षेप करने के। क्योंकि कभी-कभी हमारा हस्तक्षेप परिस्थितियों को और जटिल बना सकता है। अगर हमें किसी के विचार से असहमत हैं, तो बेहतर होगा कि उस समय चुप रहें और बाद में सोच-समझकर प्रतिक्रिया दें।

8. जब हमारी बात से किसी का मन टूट सकता है
कुछ लोग बहुत भावुक होते हैं और हमारी एक छोटी सी बात उनका दिल तोड़ सकती है। ऐसे में, हमें अपने शब्दों को बहुत सोच-समझ कर चुनना चाहिए। जया किशोरी का कहना है कि ऐसी स्थिति में चुप रहना ज्यादा सही होता है, ताकि किसी का मन न टूटे। हमारे शब्दों से किसी को दुःख पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी बनती है।

9. जब कोई मुद्दा गैरजरूरी हो
कई बार हम ऐसे मुद्दों पर बात करते हैं जो वास्तव में महत्व नहीं रखते या जिनका कोई विशेष असर नहीं होता। जया किशोरी का मानना है कि ऐसे मुद्दों पर हमें समय और ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए। ऐसे में हमें मौन रहना चाहिए और ध्यान केंद्रित करना चाहिए उन मुद्दों पर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण हों।

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