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5 फरवरी को चौटाला में होगी किसान मजदूर पंचायत वर्ष 2020 का बकाया मुआवजा और फसल बीमा क्लेम जारी करने की मांग-

Kisan Mazdoor Panchayat will be held in Chautala on February 5, demanding release of outstanding compensation and crop insurance claims for the year 2020.
 
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चौटाला गांव में 5 फरवरी से आंदोलन शुरू होने जा रहा है। चौटाला सहित इलाके के ग्रामीणों ने 19 जनवरी को गांव में बैठक कर महत्वपूर्ण फैसला लिया था कि वर्ष 2020 का बकाया मुआवजा और फसल बीमा क्लेम जारी करने सहित जवलंत मुद्दों को लेकर व्यापक संघर्ष की जरुरत है। बैठक के बाद 5 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार किसानों मजदूरों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश फगोडि़या ने कहा कि वर्ष 2020 में फसलों के पूर्ण रूप से नष्ट होने के बाद किसानों के मजबूत संघर्ष के बाद सरकार ने मुआवजा जारी किया था जो डबवाली से लैप्स होने के बाद आज तक वापस नहीं दिया गया। वर्ष 2020 से लगातार किसानों की कॉटन की फसले बर्बाद हो रही है। बीमा कंपनियां भी किसान की जब काटने का काम कर रही है। कंपनियां हर बार प्रीमियम डकार जाती है और क्लेम नहीं दिया जाता यहां तक की नियमानुसार क्रॉप कटिंग भी नहीं होती। बिना क्रॉप कटिंग के क्लेम नहीं बनता क्योंकि क्रॉप कटिंग ही बीमा क्लेम का आधार है। बीमा कंपनियों की अधिकारियों से लेकर सरकार के साथ सांठ गांठ है इसीलिए इलाके का किसान हर बार क्लेम से वंचित रहता है लेकिन अब क्षेत्र के किसान जागरूक हुए हैं और खेती किसानी की मांगों को लेकर संघर्ष को ही विकल्प मान रहे हैं। दोनों मुख्य मांगों के साथ-साथ आशा खेड़ा माइनर में ठेकेदार और नहरी विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों की जो अनियमिताएं सामने आई और किसानों द्वारा दो जेइयों को बंधक बनाने के बाद उपमंडलाधिश मौके पर पहुंचे और नहर का निरीक्षण करने के बाद नहरी विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी लेकिन अब नहरी विभाग के अधिकारी लीपापोती करने में लगे हुए हैं। माइनर प्रकरण की निष्पक्ष जांच और पुनः निर्माण की मांग भी शामिल है। साथ ही स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञों की नियुक्तियां एवं अन्य कई जवलंत मांग मुद्दे भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह भर से गांवो में जनसंपर्क जारी है। इलाके के किसान, मजदूर, महिलाएं और नौजवान हजारों की संख्या में पंचायत में जुटेगें। इस पंचायत में हरियाणा प्रदेश भर से कई किसान नेता एवं जिले भर के तमाम किसान संगठन मजबूती से एक मंच पर आकर संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने पंचायत में दोपहर तक पहुंचकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया तो उसके बाद कठोर फैसला लेंगे। आज किसान नेता रवि आजाद ने भी वीडियो जारी करते हुए कहा की सिरसा जिला से भारतीय किसान यूनियन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी पंचायत में शामिल होंगे और वह स्वयं भी पहुंचेंगे रवि आजाद ने कहा कि अगर सरकार ने मुआवजा जारी नहीं किया तो एक बड़ा किसान आंदोलन इस इलाके में होगा।
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