सरसों-सोया के तेल का रेट छू रहा आसमान, सब्जियों के भाव में भी दिखा उछाल
सितंबर 2024 के महंगाई के आंकड़े आज जारी होने वाले हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि खुदरा महंगाई (CPI) 5.1 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर होगा। वहीं, थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि इनसे बाजार की दबाव की स्थिति और उपभोक्ताओं पर पड़ रहे असर को समझा जा सकता है।
सितंबर में खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि:
प्याज और टमाटर:
सितंबर में प्याज की कीमत में 11.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे इसका औसत दाम 28.33 रुपये से बढ़कर 53.82 रुपये प्रति किलो हो गया।
टमाटर में भी 16.67 प्रतिशत का उछाल आया, जिससे इसका औसत दाम 45.41 रुपये से 52.98 रुपये प्रति किलो हो गया।
खाद्य तेल:
पैक्ड सरसों तेल के दाम में 10.09 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 154 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया, जो अगस्त में 139.88 रुपये था।
सूरजमुखी तेल में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो अगस्त में 120 रुपये था और 30 सितंबर तक 132.11 रुपये हो गया।
पॉम ऑयल में 15.36 प्रतिशत की सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई, जो 99.56 रुपये से बढ़कर 114.85 रुपये प्रति लीटर हो गया।
वनस्पति तेल की कीमत में भी वृद्धि हुई और यह 129 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया।
अक्टूबर में दामों की स्थिति:
अक्टूबर में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी जारी है:
13 अक्टूबर 2024 को आलू का औसत दाम 36.13 रुपये प्रति किलो था, जबकि अधिकतम 61 रुपये और न्यूनतम 25 रुपये था।
प्याज का औसत दाम 53.22 रुपये प्रति किलो रहा, जबकि अधिकतम 80 रुपये और न्यूनतम 31 रुपये प्रति किलो था।
टमाटर के दाम ने 120 रुपये तक की ऊंचाई छू ली, जबकि औसत दाम 67.25 रुपये और न्यूनतम 30 रुपये प्रति किलो रहा।
आगे की तस्वीर:
महंगाई की दर में 5.1 प्रतिशत की संभावना जताई जा रही है, जो बताता है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इस साल की तुलना में थोड़ी अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस स्थिति में सरकार और रिजर्व बैंक के लिए आर्थिक नीतियों को लेकर रणनीति बनाने का समय आ सकता है, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।