बिहार में नई पीढ़ी बेच सकेगी दादा की जमीन , नए रजिस्ट्री नियम जारी , जानिए पूरी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में अब पुरानी जमीन की रजिस्ट्री को लेकर परेशानी नहीं होगी. रजिस्ट्री को लेकर जारी नए नियमों के मुताबिक बिहार में नई पीढ़ी अब अपने दादा की जमीन आसानी से बेच सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट को सहमत होना चाहिए
पत्र में सभी जिलाधिकारियों, जिला अवर निबंधकों और अवर निबंधकों को पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ 13 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है. यह भूमि दस्तावेजों के पंजीकरण का शत-प्रतिशत अनुपालन है।
हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टा लगाया
पटना हाई कोर्ट ने 6 फरवरी को आदेश दिया था कि जिनके नाम हैं, उनका नाम फ्रीज रहेगा. वही व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री करा सकता है. ऐसे में दादा और पिता के नाम पर जमा जमीन को बेटे-पोते नहीं बेच सकते थे. कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की, जिसने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और अंतिम सुनवाई के लिए 24 सितंबर, 2024 की तारीख तय की।
ये नियम पहली बार लागू किए गए
राज्य सरकार ने जमीन रजिस्ट्री में धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सबसे पहले 10 अक्टूबर 2019 को यह नियम लागू किया था. इसके बाद हाई कोर्ट में इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं। कोर्ट ने 25 अक्टूबर को 15 दिन के भीतर सरकार के फैसले पर रोक लगा दी. चल रहे मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 09 फरवरी 2024 को सरकार के फैसले को बरकरार रखा और इसे लागू करने का आदेश दिया. इसके बाद सरकार ने इसे लागू करने के लिए 22 फरवरी को पत्र जारी किया.