Onion Price Hike : प्याज के दाम तेजी से हुए दोगुने, आलू के भी बढ़े दाम, ये है बड़ी वजह , जानिए पूरी जानकारी
हाल ही में संपन्न आम चुनावों के बाद केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन के साथ, दिल्ली-एनसीआर में प्याज और आलू की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले सप्ताह के दौरान प्याज की कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और अब हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ आलू की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
प्याज की कीमतें बढ़ीं
एक सप्ताह के भीतर दिल्ली के बाजारों में प्याज की कीमतें 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। आजादपुर मंडी में प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो हो गई है, जो खुदरा बाजार में 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
आलू की कीमतें भी बढ़ीं
आलू के दाम भी बढ़ गये हैं. साधारण आलू 35-40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि चिप्सोना या पहाड़ी आलू 45 रुपये प्रति किलो हो गया है.
प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
अगले सोमवार को ईद-उल-फितर होने के कारण प्याज की मांग बढ़ रही है। व्यापारी पहले से ही स्टॉक जमा कर रहे हैं, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं।
नासिक के लासलगांव बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं. वहां औसत थोक भाव 26 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. रबी सीजन में प्याज की खराब फसल ने मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगाड़ दिया है।
किसान अपना स्टॉक बेचने में धीमे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि आगे कीमतें बढ़ेंगी। सरकार ने प्याज का निर्यात खोल दिया है, जिससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता कम हो गई है।
आगे की स्थिति
रबी सीजन के दौरान खराब फसल के कारण मांग और आपूर्ति में असंतुलन होने से प्याज की कीमतें और बढ़ सकती हैं। जून से बाजार में मौजूद प्याज सीधे खेतों से नहीं बल्कि किसानों और व्यापारियों द्वारा रखे गए स्टॉक से आता है। किसानों द्वारा स्टॉक की धीमी बिक्री और बढ़ती निर्यात मांग से भी कीमतें बढ़ने की संभावना है।
इस समय महाराष्ट्र, पश्चिम, दक्षिण और पूर्वी भारत में प्याज की भारी मांग है. वहीं, प्याज की खेप बांग्लादेश भी जा रही है, जिससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता प्रभावित हो रही है। इन सभी कारणों से प्याज और आलू की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और आगे भी बढ़ने की संभावना है।