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सरकार द्वारा सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना करने व गेहूं की दामी कम करने का विरोध

Protest against the government not purchasing mustard through commission agents and reducing the price of wheat.
सरकार द्वारा सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना करने व गेहूं की दामी कम करने का विरोध
5 अप्रैल तक अनाज मंडी में हर रोज रोष स्वरूप होगा धरना प्रदर्शन: बजरंग गर्ग
 
सिरसा। अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन द्वारा सिरसा में सरकार द्वारा सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना करने और गेहूं की आढ़त 9.99 रुपए कम देने के विरोध में आढ़तियों द्वारा जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। मंडी के रोष प्रदर्शन में मुख्य रूप से हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने भाग लिया। आज धरने पर भारी संख्या में व्यापारियों ने भाग लिया। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने धरने के उपरांत पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में आढ़ती, किसान व मजदूर बर्बादी की कगार पर है। सरकार ने पहले गेहूं पर आढ़त 9.99 रुपए व धान पर 9.19 रुपए आढ़तियों को काट कर देने का काम किया है। अब सरकार सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना करके सरकारी मंडियां बंद करने पर तुली हुई है। सरकार द्वारा गेहूं पर 9.99 रुपए आढ़त कम देने व सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से न करने पर व्यापारियों में बड़ा भारी रोष है, जिसके विरोध में हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में अलग-अलग जगह 5 अप्रैल तक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। बजरंग गर्ग ने कहा कि सदियों से किसान की हर फसल मंडियों के आढ़तियों के माध्यम से बिकती आ रही है और आढ़तियों को हर फसल खरीद पर 2.5 प्रतिशत पूरी दामी में मिलती थी, मगर यह सरकार बड़े-बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडियां बंद करने पर तुली हुई है। सरकार सरसों, नरमा, मूंग, बाजरा आदि फसलों को आढ़तियों के माध्यम से खरीद ना करने की बजाएं सीधे खरीद करना सरासर गलत है। सरकार ने हरियाणा मार्केट बोर्ड बनाकर आढ़तियों को करोड़ों रुपए की दुकानें बेच रखी है और आढ़ती मार्केट बोर्ड से लाइसेंस लेकर मंडियों में करोड़ों रुपए लगाकर व्यापार कर रहे हैं अगर सरकार अनाज की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं करेगी तो आढ़ती मंडियों में दुकान करके क्या करेगा यह बहुत बड़ा चिंता का विषय है। आज मंडियों में 40 हजार आढ़ती, गांव में भर्ती करने वाले व्यापारी, लाखों पल्लेदार, ट्रांसपोर्टर, मुनीम आदि मंडी के व्यापार से सीधे जुड़े हुए हैं अगर सरकारी मंडियां बंद हो गई तो लाखों लोग बर्बाद हो जाएंगे। सरकार को अपनी जिद छोडक़र पहले की तरह हर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से करके 2.5 प्रतिशत पूरी आढ़त देनी चाहिए। इस अवसर पर आढ़ती एसोसिएशन जिला प्रधान मनोहर मेहता, प्रदेश उप प्रधान प्रेम बजाज, व्यापार मंडल जिला प्रधान हीरालाल शर्मा, महासचिव अंजनी कनोडिया, संरक्षक राजकरण भाटिया, आढ़ती एसोसिएशन सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष कुणाल जैन, पूर्व उप प्रधान कीर्ति गर्ग, फर्नीचर एसोसिएशन प्रधान अनिल सर्राफ, कपड़ा एसोसिएशन प्रधान अश्विनी बंसल, रेडीमेड गारमेंट प्रधान भीम सिंगला, गुड़ एसोसिएशन प्रधान सुभाष शेरपुरा वाले, सचिव कमलजीत टक्कर, मोबाइल एसोसिएशन प्रधान संदीप मिड्ढा, पवन गर्ग, सतीश हिसारिया, जिला प्रधान स्वर्णकार संघ हेमंत सोनी, नगर प्रधान लीलाधर सोनी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुखविंदर सोनी, जूता मर्चेंट एसोसिएशन प्रधान सतीश गोयल, होलसेल किरयाणा प्रधान सुरेश गोयल, प्रेम कंदोई, परमानंद कक्कड़, महेश सिंगला, सुशील कसवा, सुशील रहेजा, कृष्ण गोयल, अनिल अरोड़ा, दीपक नड्डा, महावीर शर्मा, किशोर सोनी, अनीश गर्ग, सुधीर ललित, राजेंद्र नंबरदार, अतुल गोयल, गुरजंट गिल, राजेंद्र ललित सहित व्यापारी प्रतिनिधि भारी संख्या में मौजूद थे।
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