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PM Modi | Arjun Ram Meghwal जानिए क्या है एक देश, एक चुनाव? | One Nation One Election

PM Modi | Arjun Ram Meghwal 
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One Nation One Election 

वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक आज संसद में पेश

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे विधेयक का प्रस्ताव

केंद्र सरकार आज संसद में वन नेशन वन इलेक्शन (एक देश, एक चुनाव) विधेयक पेश करने जा रही है। दोपहर 12 बजे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इसे सदन में प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी के लिए अलग बिल भी पेश होगा। विधेयक की कॉपी सांसदों को सर्कुलेट कर दी गई है।

विपक्ष का विरोध और संभावित हंगामा

विपक्ष लगातार एक देश, एक चुनाव का विरोध करता रहा है, ऐसे में लोकसभा की कार्यवाही के हंगामेदार रहने की संभावना है। कार्यवाही से पहले भाजपा ने अपने सांसदों के लिए तीन पंक्तियों का व्हिप जारी कर दिया है। साथ ही, टीडीपी और शिवसेना ने भी अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।

विधेयक को जेपीसी के पास भेजने की तैयारी

सरकार इस विधेयक को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (जेपीसी) के पास भेजने की योजना बना रही है। अगर जेपीसी से क्लियरेंस मिल जाती है और संसद के दोनों सदनों से यह विधेयक पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह कानून बन जाएगा।

अगर यह विधेयक कानून बनता है, तो 2029 तक देश भर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की संभावना है।

क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?

वन नेशन, वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इससे मतदाता एक ही दिन वोट डाल सकेंगे।

गौरतलब है कि 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। हालांकि, 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं, और 1970 में लोकसभा भंग होने के बाद यह परंपरा टूट गई।

समर्थन और विरोध में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस विधेयक को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। भाजपा इसे देश के विकास और संसाधनों की बचत का माध्यम मान रही है, जबकि विपक्ष इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बता रहा है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता लगने के कारण विकास कार्य बाधित होते हैं और सरकारी खर्च बढ़ता है। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि चुनाव एक साथ कराना व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि छोटे राज्यों में भी कई चरणों में चुनाव कराए जाते हैं।

विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम?

भाजपा के नेताओं का मानना है कि वन नेशन, वन इलेक्शन से देश में संसाधनों की बचत होगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी। साथ ही, इसका जिक्र "वन नेशन वन टैक्स," "वन नेशन वन राशन," और "वन नेशन वन ग्रिड" जैसे अन्य सफल अभियानों से भी जोड़ा जा रहा है।

विपक्ष ने इसे संविधान संशोधन की आड़ में केंद्र सरकार की राजनीतिक मंशा पर सवाल उठाया है।

क्या होगा आगे?

विधेयक के संसद में पेश होने के बाद इसके आगे की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी होंगी। अगर दोनों सदनों से विधेयक पास हो जाता है और कानून बनता है, तो 2029 तक एक देश, एक चुनाव की तैयारी शुरू हो सकती है।

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