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छोटे कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी PM विश्वकर्मा योजना- कारीगरों को टूल किट खरीदने के लिए मिलेंगे 15 हजार

पहली बार में मिलेगा एक लाख रूपए का लोन
 
पहली बार में मिलेगा एक लाख रूपए का लोन
कारीगरों की कुशलता को बढ़ाने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
 

गुरूग्राम, 21 फरवरी। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा है कि स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की कार्यकुशलता को बढ़ाने और उनके उत्पादों व सेवाओं को आसानी से लोगों तक पहुंचाने में पीएम विश्वकर्मा योजना एक वरदान साबित होगी। इस योजना से जिला के कारीगरों को जोडऩे के लिए एमएसएमई द्वारा सक्रिय जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।


एडीसी हितेश कुमार मीणा विकास सदन सभागार में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए एक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। जिससे कि स्थानीय कारीगरों को योजना के तहत दिए जाने वाले लोन, प्रशिक्षण व अन्य सुविधाओं की जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि इस योजना में 18 व्यवसाय शामिल किए गए हैं।

जिनमें सुनार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडिय़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी, बुनकर और मछली  पकडऩे के लिए जाल बनाने का काम शामिल है। विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को स्कीम के अंतर्गत प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन  की सुविधा प्रदान की जाएगी।


एडीसी ने बताया कि इस योजना  में कारीगर को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के बाद इन कारीगरों की गुरूग्राम जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की  ट्रेनिंग करवाई जाएगी। लाभपात्रों को टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। छोटे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले एक लाख रूपए का लोन दिया जाएगा। जिसे 18 महीनों में पांच प्रतिशत की मामूली ब्याज दर से अदा करना है।

 बैंक ऋण की अदायगी के बाद इन कारीगरों को दोबारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ट्रेनिंग में हर रोज 500 रूपए का स्टाइपेंड दिया जाएगा। एक लोन पूरा होने के बाद पात्र कारीगर को दो लाख रूपए का लोन मिलेगा, जिसकी अदायगी तीस माह में की जानी है। इस दौरान कारीगरों  को बाजार से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना पांच साल के लिए है और पहले साल में देशभर के तीस लाख कारीगरों को इससे जोडऩे  का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


इस अवसर  पर एमएसएमई के सहायक निदेशक केसी मीणा, संयुक्त निदेशक सतीश कुमार, एलडीएम अशोक कुमार, सीएससी प्रभारी विकास पूनिया, एमएसएमई गुरुग्राम से आईईओ कैलाश चंद्र, आईओ प्रतिभा सहित अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
 

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