प्रयागराज महाकुंभ- 2025 गार्डियन बोला- अब तक का सबसे भव्य आयोजन होने का अनुमान

प्रयागराज महाकुंभ- 2025 गार्डियन बोला- अब तक का सबसे भव्य आयोजन होने का अनुमान
एपी ने कहा- US की आबादी से ज्यादा लोग जुटेंगे
@ यूपी की संगम नगरी- प्रयागराज में महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज हो गया है। पौष पूर्णिमा के साथ ही 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मौके पर दुनियाभर के मीडिया समूह प्रयागराज में जुटे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस से लेकर जर्मनी और अन्य देशों के पत्रकार भी पहुंचे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य संगठन भी महाकुंभ के आयोजन और इसके लिए की गई तैयारियों की भव्यता को देख रहे हैं। महाकुंभ के इस आयोजन को लेकर विदेशी मीडिया में कई खबरें भी चल रही हैं। किसी न्यूज चैनल ने इस आयोजन के विशाल स्तर को लेकर आश्चर्य जाहिर किया है तो कहीं इसे लेकर उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की तैयारियों की समीक्षा की गई है। आइये जानते हैं कि महाकुंभ के आयोजन को लेकर कहां-क्या कहा जा रहा है।
1. सीएनएन
सीएनएन ने महाकुंभ को दुनिया के सबसे महान धार्मिक आयोजनों में से एक करार दिया है। मीडिया समूह ने कुंभ में पहुंचने वाले लोगों की अनुमानित संख्या को चौंकाने वाला करार देते हुए कहा कि यहां प्रशासन इस आयोजन को सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम न कहकर एक सांस्कृति आयोजन करार दे रहा है, जहां बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज से लेकर विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।
2. बीबीसी
ब्रिटिश मीडिया समूह बीबीसी ने इस कार्यक्रम का कवरेज करते हुए इस आयोजन को मानवता का सबसे बड़ा जुटाव करार दिया। बीबीसी के मुताबिक, इस आयोजन को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। न्यूज चैनल ने यहां अलग-अलग देशों से आए लोगों से भी बात की। अर्जेंटीना से आए एक 90 सदस्यीय समूह में शामिल सबैस्चियन डिएगो ने बताया कि वह इस भक्ति के अनुभव को सामने से देखने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे गंगा ने बुलाया, इसलिए मैं यहां आ गया।
एसोसिएटेड प्रेस
अगले 45 दिन में अमेरिका की जनसंख्या (करीब 34 करोड़) से ज्यादा लोग (अनुमानित 40 करोड़) इस महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचने वाले हैं। यह सऊदी अरब में मुस्लिमों के पवित्र स्थल मक्का और मदीना में हर साल हज के लिए जाने वाले 20 लाख लोगों से 200 गुना ज्यादा है। यह आयोजन भारत के अधिकारियों के लिए बड़ी परीक्षा होगी, जिसमें वह हिंदू धर्म के लिए आयोजन के साथ साथ पर्यटन और भीड़ प्रबंधन में भी जुटेंगे। एपी ने इसी लेख में कहा है कि भारत के पिछले नेताओं ने इन आयोजनों के जरिए देश के हिंदुओं से अपने रिश्ते मजबूत करने की कोशिशें की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्गत यह आयोजन हिंदू राष्ट्रवाद का एक अहम हिस्सा बन चुका है। भारतीय सभ्यता हिंदुत्व से अलग नहीं है। प्रयागराज में अलग-अलग जगहों पर पीएम के पोस्टर और बिलबोर्ड्स लगे हैं, जिनमें सरकार की लोक कल्याण योजनाओं का जिक्र किया गया है। इस आयोजन से सत्तासीन भाजपा को हिंदू सांस्कृतिक प्रतीकों के प्रचार के इतिहास को और बल मिलेगा।
4. स्काई न्यूज
स्काई न्यूज ने महाकुंभ में प्रशासन की तैयारियों पर सबसे ज्यादा रिपोर्टिंग की है। इस संस्थान ने बताया कि पहली बार किसी आयोजन में इतने बड़े स्तर पर फेस रिकग्नीशन तकनीक और बायोमेट्रिक पहचान की सहायता ली जा रही है, जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके खो जाने पर उन्हें ढूंढने में आसानी होगी। मीडिया समूह ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि किस तरह गंगा के पास पानी की गुणवत्ता मापने के लिए प्रणालियां स्थापित की गई हैं, जिससे आयोजन के दौरान गंगा में लोगों का साफ और स्वच्छ पानी से नहाना सुनिश्चित रहे। इसके अलावा एक प्राथमिक 100 बेड और दो 20-20 बेड्स वाले अस्पतालों की स्थापना के बारे में भी बताया गया है।
5. द गार्डियन
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने कहा कि इस साल महाकुंभ का आयोजन तादाद और भव्यता में पिछले सभी आयोजनों से ज्यादा बेहतर होने का अनुमान है। यह कुंभ मेले के धार्मिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक महत्व को भी दर्शाता है। भारत और यूपी में सत्तासीन भाजपा के शासन में महाकुंभ का आयोजन और भी खुलकर सामने आता है। इस आयोजन को हमेशा से हिंदू एकता और ताकत का प्रतीक माना जाता रहा है और कई लोग इसे राजनीतिक तौर पर फायदेमंद भी मानते हैं।
द गार्डियन ने बताया है कि किस तरह सरकार ने 40 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस कुंभ आयोजन को सुगम बनाने के लिए बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं और इसके लिए डिजिटल सेवाओं की मदद ली जा रही है। इनमें एक व्यवस्था कलाई में पहने जाने वाले बैंड की है, जो कि रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए कनेक्ट रहता है और लोगों को खोने से बचाने के लिए दिया जा रहा है।
6.रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल
फ्रांस के मीडिया समूह रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल (आरएफआई) के मुताबिक, कुंभ का यह आयोजन सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े भारतीयों को ही नहीं, बल्कि विदेशियों को भी आकर्षित करता है। खासकर उन विदेशियों को जो हिंदू धर्म को अपना चुके हैं। आरएफआई ने एक अमेरिकी नागरिक के हवाले से बताया कि कुंभ मेले की अहमियत इसकी अंतरराष्ट्रीय और वैश्विक एकता के संदेश की वजह से ही नहीं, बल्कि आयोजन के दौरान होने वाले आध्यात्मिक अभ्यासों की वजह से भी है, जिससे लोगों को अपने अंदर के सत्य को पहचानने में मदद मिलती है। आरएफआई के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान 4000 हेक्टेयर भूमि पर 1,50,000 टेंट और इतने ही टॉयलेट बनाए गए हैं। यह पूरा क्षेत्र अमेरिका के मैनहैटन द्वीप के बराबर का क्षेत्र है।
7. एजेंसी फ्रांस प्रेस
फ्रांस की न्यूज एजेंसी एएफपी ने महाकुंभ को विशाल हिंदू आयोजन बताया है। एजेंसी के मुताबिक, शताब्दियों पुराने कुंभ मेला धार्मिक आयोजन के साथ लॉजिस्टिक्स (आपूर्तियों) की जबरदस्त चुनौतियां दर्शाने वाला आयोजन भी है। यहां रात में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, लेकिन तीर्थयात्रियों का कहना है कि उनका भरोसा कहता है कि उनका स्नान ठंडा नहीं रहेगा।
8. रॉयटर्स
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सोमवार को जमा देने वाली पानी में लोग अपने पाप धोने को गंगा में डुबकी लगाने के लिए जुटे। धर्म, अध्यात्म और पर्यटन का यह अद्भुत संगम भारत में और कहीं नहीं दिखता। लेकिन यह आयोजन सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में भीड़ प्रबंधन के लिए भी चुनौती रहता है।