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मूर्तिकला प्रशिक्षण विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने में होगा कारगर: हृदय कौशल

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मूर्तिकला प्रशिक्षण विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने में होगा कारगर: हृदय कौशल


सिरसा। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ऐलनाबाद के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में टाबर उत्सव का आयोजन चल रहा है। यह प्रशिक्षण आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ  एवं 3 डी स्कल्पचर आर्ट में हरियाणवी संस्कृति पर आधारित है।

निपुण कलाकार आशीष कुमार व सहायक कलाकार अभिषेक सहारण ने बताया कि टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी. अनुपमा तथा सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेन्द्र कुमार तथा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में चल रहा है। उन्होंने बताया कि जिला के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों एक स्थान पर एकत्रित कर मूर्तिकला का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इससे विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढक़र भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्ति शिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। इस शिविर में राज्य के निपुण कलाकारों एवं सह कलाकारों द्वारा विद्यार्थियों को मूर्तिकला में पारंगत किया जाएगा और प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी (अन्य माध्यम) व सामग्री आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे, जिससे भविष्य में उनको मूर्तिकला क्षेत्र में शिक्षा के साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में करियर बनाने का भी ज्ञान मिलेगा। प्रशिक्षण देने वाले कलाकारों द्वारा कला संस्कृति तथा मूर्तिकला के उत्थान संरक्षणए संवर्धन एवं विकास हेतु कला को निखारा जाएगा, जिससे विद्यार्थी अपना कैरियर बना सकेंगे। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी इस शिविर में एक महीने हेतु नि:शुल्क भाग ले सकते हैं।

उन्होंने बताया कि मूर्तिशिल्प एक मात्र ऐसा विषय है, जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। शारिरिक, मानसिक एवं बौधिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करता है। हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वैल्डिंग, सिरामिक, असेम्बलेज आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा। कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाईव मोडल डेमो से भी कार्य करवाया जाएगा। मूर्तिकला अधिकारी हृदय कौशल ने बताया कि जिला के लगभग 1400 से1500 विद्यार्थी इन 30 दिनों में तकनीकी व कलात्मक दृष्टिकोण से लाभान्वित होंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक/कलात्मक विकास करवाने के लिए यह प्रशिक्षण बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में कारगर सिद्ध होगा। प्राचार्य अनिल कुमार ने आए हुए अधिकारियों का इस प्रकार के आयोजन के लिए धन्यवाद किया।

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