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हवन यज्ञ व भंडारे के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा का समापन

Shrimad Bhagwat Katha ended with Havan Yagya and Bhandara.
 
हवन यज्ञ व भंडारे के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा का समापन
कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के पाप पुण्य में बदल जाते हैं : योगेंद्र कृष्ण महाराज
 
सिरसा। शहर की प्राचीन श्री गौशाला में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का वीरवार को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर गौशाला प्रांगण में हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। कथा व्यास पंडित योगेंद्र कृष्ण महाराज ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुडऩे और सत्कर्म करने को कहा। कथाव्यास ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथावाचक ने बताया कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन, जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है, जो मन बुद्धि व चित्त्त को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने खीर व हलवे का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर श्री गौशाला कमेटी के प्रधान राजेंद्र रातुसरिया, महासचिव प्रेम कुमार कंदोई, उपप्रधान दीनदयाल कंदोई, कोषाध्यक्ष राजकमल चमडिय़ा, सह सचिव अतुल हिसारिया, ओमप्रकाश मेहता, राजेंद्र गनेरीवाला, सुशील बांसल रोहतक वाले, गुरदीप सैनी, विनोद चिड़ावा वाले, सुरेश गौतम, ओमप्रकाश पूनियां, अशोक चिड़ावा वाले, भूषण गर्ग, पं. अवधेश दीक्षित, पं. राजेंद्र वाजपेयी तथा गौशाला मैनेजर पवन कुमार सिंवर सहित श्रद्धालु उपस्थित रहे।
 
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