Sonipat Texi Driver ED Raid : हरियाणा में टैक्सी ड्राइवर के घर ED की छापेमारी, फर्जी क्रिप्टो करेंसी मामला, लेह से जुड़े हैं तार

सोनीपत टैक्सी ड्राइवर ईडी का छापा: सोनीपत में टैक्सी ड्राइवर के घर पर ईडी का छापा: हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के सोनीपत में एक टैक्सी ड्राइवर के घर पर छापा मारा है। यह छापेमारी एक बड़े नकली क्रिप्टो करेंसी घोटाले से जुड़ी है।
विदेश में रहता है टैक्सी ड्राइवर का भाई जांच से पता चला है कि टैक्सी ड्राइवर का भाई विदेश में रहता है और वह एक नकली क्रिप्टो करेंसी कंपनी का प्रतिनिधित्व करता था। उसने लोगों को दोगुना रिटर्न का लालच देकर निवेश कराया और फिर उनका पैसा हड़प लिया।
जानकारी के मुताबिक, ईडी की एक टीम सोनीपत शहर के मयूर विहार की गली नंबर 24 में पहुंची. उन्होंने टैक्सी चालक रमेश गुलिया के आवास की तलाशी शुरू कर दी। जांच वाला मकान ड्राइवर के भाई नरेश गुलिया का है। उसी मकान में रमेश गुलिया रह रहे हैं।
एक साधारण ड्राइवर के घर पर ईडी की छापेमारी से लोगों में उत्सुकता है कि मामला क्या है. उनके घर के बाहर लोग पूरी जानकारी लेने के लिए ईडी की छापेमारी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. ईडी की टीम ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है.
नरेश गांव लाठ का रहने वाला है
पड़ोसियों ने बताया कि ईडी की छापेमारी सुबह 8 बजे से चल रही है. लोगों को ईडी की छापेमारी के बाद ही पता चला है कि टैक्सी ड्राइवर का भाई विदेश में रहता है. टैक्सी चालक सोनीपत के गोहाना रोड स्थित लाठ गांव का रहने वाला है।
वे तीन भाई हैं, रमेश, नरेश और महेश गुलिया। नरेश गुलिया 1995 में सेना में शामिल हुए। उनकी ट्रेनिंग जबलपुर में हुई थी. सेना में भर्ती होने के 15 साल बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया. अब वह विदेश में हैं. उन पर क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे हड़पने का आरोप है.
टैक्सी ड्राइवर का आरोपी भाई विदेश में है (Sonipat Texi Drive ED Raid)
जानकारी के मुताबिक, जिस रमेश गुलिया के घर पर ईडी ने छापेमारी की, वह दिल्ली में टैक्सी ड्राइवर है और उसका भाई नरेश गुलिया विदेश में रहता है. क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हुए इस बड़े फर्जीवाड़े में कथित तौर पर नरेश गुलिया शामिल हैं. यह नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. निवेश के नाम पर लोगों से पैसे लेने के बाद कंपनी बंद हो गई. हालांकि, ईडी ने छापेमारी के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने रमेश गुलिया के घर पर छापा क्यों मारा।
'हमने पहली बार क्रिप्टो करेंसी के बारे में सुना'
ईडी की छापेमारी के दौरान रमेश गुलिया के आवास के बाहर हरियाणा पुलिस तैनात थी. रमेश के दोस्त जरनैल सिंह ने बताया कि सुबह रमेश गुलिया के छोटे भाई महेश ने उन्हें बताया था कि कई गाड़ियों में कुछ अधिकारी यहां आए हैं. बाद में पता चला कि यह ईडी का छापा था. रमेश गुलिया एक टैक्सी ड्राइवर हैं. यह पहली बार है जब हमने क्रिप्टो करेंसी के बारे में सुना है।