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सूबेदार बलदेव सिंह का सियाचिन में वीरगति को प्राप्त होना: पूरे क्षेत्र में शोक की लहर

शोक की लहर
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सूबेदार बलदेव सिंह

सूबेदार बलदेव सिंह का सियाचिन में वीरगति को प्राप्त होना: पूरे क्षेत्र में शोक की लहर

सिरसा (हरियाणा): देश की सेवा में समर्पित सूबेदार बलदेव सिंह का सियाचिन ग्लेशियर में तैनाती के दौरान निधन हो गया। सिरसा जिले के झोपड़ा गांव निवासी सूबेदार बलदेव सिंह को आज उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

सियाचिन में बिगड़ी तबीयत, वीरगति को प्राप्त हुए बलदेव सिंह

सूबेदार बलदेव सिंह जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात थे और वर्तमान में लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में उनकी ड्यूटी थी। बताया गया कि कल अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी — उन्हें उल्टियां हुईं, सीने में दर्द हुआ और ऑक्सीजन की कमी के कारण हालत गंभीर हो गई। इसके बाद सेना की चिकित्सकीय देखरेख में उनका उपचार हुआ, लेकिन दुर्भाग्यवश वे वीरगति को प्राप्त हो गए।

22 वर्षों की सेवा, ईमानदारी और समर्पण का प्रतीक

बलदेव सिंह ने 22 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की। उन्हें एक वर्ष पहले ही सूबेदार पद पर पदोन्नत किया गया था। वह हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहे और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। गुरुद्वारे में सेवा देना और संयमित जीवन जीना उनकी पहचान थी।

परिवार में पसरा मातम, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर

उनके परिवार में पत्नी, एक 15 वर्षीय बेटा (नौवीं कक्षा में) और एक 7 वर्षीय बेटी (दूसरी कक्षा में) हैं। उनके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। जब यह दुखद समाचार परिवार को दिया गया, तो पूरे गांव और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। लोग भारी संख्या में उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

आज झोपड़ा के श्मशान घाट में सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सैन्य अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी दी और गांववासियों ने "सूबेदार बलदेव सिंह अमर रहें" के नारे लगाए।

स्थानीय लोगों की आंखें नम, यादों में जिंदा रहेंगे बलदेव

स्थानीय लोगों के अनुसार बलदेव सिंह बेहद सरल, शांत और मिलनसार व्यक्ति थे। जब भी छुट्टियों में गांव आते, सभी से आत्मीयता से मिलते थे। उनकी मुस्कान और सहज व्यवहार सभी को याद रहेगा।

देश को ऐसे वीर सपूतों पर गर्व है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा में जीवन न्यौछावर कर दिया। सूबेदार बलदेव सिंह को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।

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