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सुशील सारवान ने वर्ष 2023 में अपना गृह जिला पंचकूला से बदलवाकर कराया था अम्बाला

Sushil Sarwan had changed his home district from Panchkula to Ambala in the year 2023.
 
सुशील सारवान ने वर्ष 2023 में अपना गृह जिला पंचकूला से बदलवाकर कराया था अम्बाला 
गत वर्ष पंचकूला में डी.सी. तैनात होने पर भी उठे थे सवाल
 

चंडीगढ़ - भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार  पंचकूला जिले के उपायुक्त (डीसी) सुशील सारवान, आईएएस को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है. इस सम्बन्ध में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के अंतर्गत आने वाले कार्मिक विभाग द्वारा  गुरुवार 11 अप्रैल को एक आदेश जारी किया  गया. पंचकूला जिले के   अगले डीसी की तैनाती बारे फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किया गया है क्योंकि लोकसभा आम चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने के  दृष्टिगत  मौजूदा लागू आदर्श आचार संहिता में डीसी  पद पर चुनाव आयोग की स्वीकृति से ही ताज़ा तैनाती  की जा सकती है.  

 इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत  ने बताया कि गत वर्ष 19 अगस्त 2023
को सुशील सारवान को पानीपत जिले के डीसी पद से बदलकर पंचकूला जिले का डीसी और साथ साथ पंचकूला स्थित माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड का मुख्य प्रशासक  तैनात किया गया था. इस सम्बन्ध में जारी आदेश में इन दोनों कार्यभारों  का अलग अलग उल्लेख था एवं प्रदेश के   मुख्य सचिव की वेबसाइट पर भी  उनके पास उक्त दोनों कार्यभार अलग अलग   दर्शाए जाते रहे. अब ताज़ा  जारी आदेश में उन्हें केवल डीसी पंचकूला के पद से ही रिलीव (पदमुक्त) करने का ही क्यों उल्ल्लेख  किया गया है एवं माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के  मुख्य प्रशासक पद से क्यों नहीं, यह देखने लायक है. हालांकि माता मनसा देवी पूजास्थल कानून के प्रावधानों के अनुसार डीसी पंचकूला ही अपने इस पद के कारण माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड का मुख्य प्रशासक होता है.  

सुशील‌ सारवान पांच वर्ष पूर्व  मई, 2019 में एचसीएस ( हरियाणा सिविल सेवा) से  प्रोमोट होकर आईएएस अधिकारी बने थे. उनके पिता एम. एल‌. सारवान  रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं  जबकि उनकी  माता ‌संतोष चौहान सारवान दो बार - एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा से  हरियाणा  विधानसभा‌ की सदस्य ( विधायक ) और प्रदेश की तत्कालीन भजन लाल‌ सरकार में मंत्री पद पर भी रह  चुकी हैं. हरियाणा में भाजपा की पिछली सरकार ( 2014-2019 ) के दौरान वह अम्बाला जिले के मुलाना विधानसभा हलके से विधायक रही थी हालांकि उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और न ही वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ रही है.  

बहरहाल, हेमंत ने एक और रोचक जानकारी देते हुए बताया कि गत वर्ष जब सुशील सारवान को पानीपत के उपायुक्त पद से  बदलकर पंचकूला का डीसी तैनात किया गया था, तब उनके आधिकारिक रिकॉर्ड में उनका  गृह जिला पंचकूला ही  दर्ज था जिसके बाद इस बार पर विवाद भी उठा था कि क्या किसी  आईएएस  कैडर के अधिकारी को उसी के  ही गृह जिले में सबसे अहम प्रशासनिक और  प्रतिष्ठित   पद‌ अर्थात डिप्टी कमिश्नर - डीसी ( उपायुक्त) के पद पर  तैनात किया जा सकता है ?  

हालांकि पंचकूला जिले के डीसी पद पर तैनाती  के कुछ माह पश्चात सुशील सारवान ने हरियाणा सरकार को लिखकर उनका गृह जिला पंचकूला से बदलवाकर अम्बाला करवा लिया था. हेमंत ने बताया कि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपनी सरकारी सेवा के दौरान एक बार अपना गृह जिले बदलवा करने के लिए सरकार को आवेदन दे सकता है एवं सामान्यत: सरकार उसे स्वीकार कर आधिकारिक रिकॉर्ड में गृह जिले में बदलाव कर देती  है.  

जैसा भी हो, गत वर्ष  संभवत: सुशील सारवान को यह अंदेशा नहीं रहा होगा कि बेशक वह अपना गृह जिला  पंचकूला से बदलवा कर अम्बाला करवाने से पंचकूला के डीसी पद पर तो तैनात रह सकते हैं परन्तु चूँकि पंचकूला जिला अम्बाला  लोकसभा हलके के ही अंतर्गत पड़ता  है, इसलिए उन्हें लोकसभा आम चुनाव के दृष्टिगत पंचकूला जिले के   डीसी पद से भी बदला जा सकता है.  

हेमंत ने बताया कि आम तौर पर लोकसभा एवं विधानसभा आम चुनावो में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े किसी भी अधिकारी को न तो उसके गृह जिले में तैनात किया जा सकता है और न ही उस जिले में जहाँ उसने तीन वर्षो का कार्यकाल पूर्ण कर लिया हो. हालांकि इस बार फरवरी में चुनाव आयोग के ताज़ा निर्देशों में यह भी उल्लेख था चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी को एक जिले से बदलकर साथ लगते किसी ऐसे जिले में भी नहीं तैनात किया जा सकता जो उसी लोकसभा हलके के अंतर्गत पड़ता हो जिससे तहत उसका पिछला जिला पड़ता था.  

जहाँ तक पंचकूला जिले के डीसी का विषय है, तो वह अम्बाला लोकसभा सीट के न तो रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) हैं और न ही असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर(ए.आर.ओ.) हालांकि उन्हें चुनाव आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1950  में पंचकूला का जिला निर्वाचन अधिकारी पदांकित किया गया है एवं अम्बाला लोकसभा सीट के पंचकूला में तैनात  दो ए.आर.ओ. अर्थात पंचकूला और कालका के उपमंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात उपमंडलाधीश  प्रशासनिक तौर पर डीसी पंचकूला के ही अधीन आते हैं एवं पंचकूला जिले के दोनों विधानसभा हलको - पंचकूला और कालका में चुनाव प्रक्रिया के सामान्य अधीक्षण और नियंत्रण का ज़िम्मा पंचकूला के डीसी का ही होता है.    

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