गांव सच्चा खेड़ा की बड़ी हवेली, जहां हुई थी फ़िल्म की शूटिंग, दादा न करा था रोल,दादा खूब मजाकिया हैं
गांव सच्चा खेड़ा की बड़ी हवेली,

रियाणा के गांव सच्चा खेड़ा में हुई मशहूर फिल्म की शूटिंग: 100 साल पुरानी हवेली बनी थी खास लोकेशन
गांव सच्चा खेड़ा की खासियत
हरियाणा के जींद जिले का सच्चा खेड़ा गांव अपने आप में एक ऐतिहासिक जगह है। यहां की पुरानी हवेलियां और गलियां किसी विरासत से कम नहीं हैं। इसी गांव में एक मशहूर हरियाणवी फिल्म की शूटिंग हुई थी। यह गांव अपनी पुरानी और खूबसूरत लोकेशन्स के कारण फिल्म मेकर्स का ध्यान आकर्षित करता है।
फिल्म की शूटिंग और कलाकारों का अनुभव
फिल्म की शूटिंग सच्चा खेड़ा की एक 100 साल पुरानी हवेली में हुई थी। इस हवेली के अंदर की दीवारें, दरवाजे और खिड़कियां इतनी खास थीं कि पूरी फिल्म की शूटिंग वहीं पर की गई। एमी विर्क, अजय हुड्डा और सोनम बाजवा जैसे बड़े कलाकारों ने इस हवेली में शूटिंग की।
फिल्म के दौरान स्थानीय लोगों ने कलाकारों से मिलकर उनके साथ हरियाणवी देसी खाने का स्वाद भी साझा किया। एमी विर्क को खासतौर पर बाजरे की रोटी, देसी घी, और लहसुन-मिर्च की चटनी बेहद पसंद आई। शूटिंग के दौरान कलाकारों ने गांव के देसी खाने और माहौल का भरपूर आनंद लिया।
100 साल पुरानी हवेली की अनोखी बनावट
इस हवेली का निर्माण 1963 में हुआ था, लेकिन इसके मूल ढांचे की उम्र 100 साल से अधिक मानी जाती है। हवेली के चारों ओर दीवारों और गलियों का ऐसा जाल है कि इसे देखते ही फिल्म मेकर्स ने इसे शूटिंग के लिए परफेक्ट लोकेशन मान लिया। हवेली में पुराने लकड़ी के दरवाजे, आंगन और पिलर देखकर यह जगह किसी ऐतिहासिक फिल्म सेट जैसी लगती है।
गांव वालों का उत्साह
शूटिंग के दौरान गांव के लोग बड़े उत्साह से कलाकारों से मिलने आते थे। यहां तक कि आसपास के गांवों और जिले के अधिकारी भी इस शूटिंग को देखने आए। बच्चों ने कलाकारों से बातचीत की और कई दर्शक फिल्म की शूटिंग देखने के लिए अपनी दिनचर्या छोड़कर पहुंचे।
शूटिंग से जुड़ी दिलचस्प बातें
गांव के बुजुर्ग और परिवार के लोग बताते हैं कि शूटिंग के दौरान यहां का माहौल पूरी तरह बदल गया था। पूरे डेढ़ महीने तक कलाकारों और फिल्म क्रू के बीच गांव में रौनक रही। फिल्म में इस्तेमाल किए गए कई सीन खासतौर पर इस हवेली के अंदर और आस-पास के खेतों में शूट किए गए थे।
सच्चा खेड़ा की पहचान और भविष्य
सच्चा खेड़ा की यह ऐतिहासिक हवेली आज भी अपनी पुरानी शैली को संजोए हुए है। गांव वाले इसकी देखभाल करते हैं और इसे हरियाणवी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। यह गांव हरियाणा और पंजाब की संस्कृति का अद्भुत संगम है, जो आने वाले समय में और भी प्रसिद्ध हो सकता है।
निष्कर्ष
अगर आप भी ऐसी पुरानी जगहों या विरासतों को संजोते हैं, तो सच्चा खेड़ा जैसे गांवों की कहानी दूसरों तक पहुंचाना आपकी जिम्मेदारी है। यह न केवल हमारी धरोहर को जीवित रखेगा बल्कि हमारी संस्कृति और इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक ले जाएगा।