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राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति की पूरे देश में हो रही सराहना

सुपर- 100 पॉलिसी से गरीब परिवारों के सैकड़ों बच्चों को मिल रहा आईआईटी तथा एमबीबीएस में जाने का मौका
 
नई शिक्षा नीति
आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के हजारों बच्चों एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर दी जा रही है शैक्षणिक सुविधा
 
वर्तमान सरकार में काबिलियत से योग्यता के आधार पर बिना सिफारिश के युवाओं को मिल रही है नौकरियां: शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर
बड़नपुर स्कूल में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित शैक्षणिक भवन का शिक्षा मंत्री ने किया उद्घाटन
उचाना 10 फरवरी        हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति की पूरे देश में सराहना हो रही है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा सुपर-100 की शुरुआत की गई जिसके सुखद परिणाम सामने आए है। सुपर-100 के अंतर्गत सरकारी खर्चे पर 100 विद्यार्थियों का चयन कर प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी गई, जिससे पहले चरण में 26 विद्यार्थियों का आईआईटी में चयन हुआ और दूसरे चरण में 29 विद्यार्थियों का आईआईटी तथा 26 विद्यार्थियों ने एमबीबीएस के कोर्स में प्रवेश पाया। वर्तमान में इस पॉलिसी के तहत प्रदेश ने 600 विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है, इसका सारा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है, इसके अलावा प्रदेश में दसवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को टुजीबी डाटा के साथ साढ़े पांच लाख टेबलेट उपलब्ध करवाए गए है जिनसे विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा मिल रही है। इस पर सरकार द्वारा हर महीनें 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। शिक्षा मंत्री आगे बताया कि वर्तमान में आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों के करीब 7 हजार बच्चों को बुनियाद के तहत एक हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर ऑनलाईन कक्षाओं की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है, इससे शिक्षा में गुणवत्ता, पारदर्शिता तथा निष्पक्षता के साथ गरीब तथा आम परिवारों के बच्चों को उन्नत शिक्षा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने यह विचार शनिवार को उचाना उपमंडल के गांव बड़नपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर स्कूल में करीब 3 करोड़ 46 लाख 73 हजार रुपए की लागत से नवनिर्मित 3 मंजिला भवन का उद्घाटन भी किया। इस भवन के धरातल तल पर प्राचार्य, स्टैनों, र्क्लक सहित 6 क्लास रूम, स्टाफ रूम, कॉन्फ्रैंस हॉल, कंप्यूटर लैब, प्रथम तल पर 12 क्लास रूम, पुस्तकालय, जियोग्राफी लैब, दुसरे तल पर चार क्लास रूम, पुस्तकालय, गणित लैब सहित तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के युवाओं को बिना भेदभाव के उनकी काबिलियत के आधार पर नौकरियां दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर गरीब, कामगार, रेहड़ी, पटरी वाले, दिहाड़ीदार तथा समाज के तमाम उन गरीब बच्चों को बिना खर्ची- बिना पर्ची तथा बिना सिफारिश के नौकरियां मिल रही है, इसके अलावा गांवों में विकास के लिए सरकार द्वारा पंचायतों के खातों में पैसा सीधा भेजा जा रहा है साथ ही बीपीएल कार्ड, आयुष्मान कार्ड, सभी सामाजिक भत्तों की सेवाएं भी लोगों को ऑनलाईन दी जा रही है।
हरियाणा पावर यूटिलिटीज के चेयरमैन एवं सेवानिवृत आईएएस पीके दास ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभाएं है। उन्होंने कहा कि शहरों के बराबर ग्रामीण आंचल के बच्चों को उन्नत शिक्षा प्रदान कर उनकी काबिलियत और प्रतिभाओं को निखारने की जरूरत है ताकि गांव स्तर का बच्चा भी उच्चतम प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी बन सफलता प्राप्त कर सके। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में सुधार और हर गरीब बच्चे को उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए अनेक कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि नए भवनों के निर्माण के अलावा राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ- साथ खेल,सांस्कृतिक व अन्य कलात्मक गतिविधियों के प्रति भी प्रेरित किया जा रहा है। श्री दास ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा अधिकाधिक बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षक वर्ग में अच्छी लगन, बच्चों में शिक्षा प्राप्ति की ईच्छा शक्ति तथा अभिभावकों द्वारा सकारात्मक सहयोग महत्वपूर्ण साबित होते है और इस दिशा में सभी संबंधित वर्गों को अपनी भूमिका सुचारू रूप से निभानी चाहिए। उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि शिक्षा के प्रति अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं, होनहार और अनुशासन प्रिय बनें।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने आईआईटी, एमबीबीएस व अन्य प्रतियोगिताओं में प्रवेश पाने वाले स्कूल के एक दर्जन विद्यार्थियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुन सम्बन्धित अधिकारियों को उचित समाधान के निर्देश भी दिए। आयोजन समिति, ग्राम पंचायत तथा स्कूल स्टाफ द्वारा मुख्य अतिथि सहित सभी विशिष्ठ अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक नीरज शर्मा, उचाना के एसडीएम गुलजार मलिक, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी, प्राचार्य संजय चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि गगनदीप सहित अन्य अधिकारी व अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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