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Om Prakash Chautala की कहानी, उनके लंगोटिया यार की जुबानी, बचपन में करते थे खूब शरारत

Om Prakash Chautala
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बचपन में करते थे खूब शरारत

हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला पंचतत्व में विलीन

ओम प्रकाश चौटाला का जीवन और योगदान

हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके निधन से राज्य ने एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता को खो दिया है। ओम प्रकाश चौटाला का जीवन हरियाणा की राजनीति और समाज में योगदान की एक लंबी कहानी है। उनकी यादें उनके समर्थकों और परिवारजनों के साथ हमेशा जीवित रहेंगी।

बचपन के यारों की यादें

चौटाला जी के बचपन के दोस्त मदन गोपाल शर्मा ने उनके साथ बिताए गए पलों को याद करते हुए कहा कि उनकी मित्रता बेहद खास थी। दोनों ने एक ही स्कूल में पढ़ाई की और एक ही टाट पर बैठकर बचपन के शरारती दिन बिताए। मदन गोपाल ने बताया, "हम दोनों साथ में खेलते थे, कोलियों और अन्य खेलों में मस्त रहते थे। उनकी शरारतें और मज़ाकिया अंदाज़ कभी नहीं भूल सकते।"

शिक्षा और शुरुआती संघर्ष

चौटाला जी ने अपनी पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय से शुरू की, जहां चार कक्षाएं एक ही बड़े कमरे में लगती थीं। उस समय हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में पढ़ाई होती थी। चौटाला जी ने हिंदी और उर्दू दोनों में शिक्षा प्राप्त की। बचपन में वे पढ़ाई में सामान्य थे, लेकिन जीवन के कठिन संघर्षों ने उन्हें एक सशक्त नेता बना दिया।

राजनीति में प्रभावशाली व्यक्तित्व

चौटाला जी की नेतृत्व शैली और भाषण देने का अंदाज़ उन्हें दूसरों से अलग बनाता था। उनकी वाणी में ऐसा जादू था कि लोग उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से आते थे। उनकी मित्रता और मानवीयता का उदाहरण यह था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपने पुराने दोस्तों को कभी नहीं भुलाया।

परिवार और राजनीतिक जिम्मेदारियां

उनके पिता, चौधरी देवीलाल, ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चौधरी देवीलाल के राजनीतिक जीवन का असर ओम प्रकाश चौटाला पर भी पड़ा। देवीलाल जी के राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय कार्यों के कारण परिवार की जिम्मेदारियां ओम प्रकाश चौटाला पर आ गईं, जिसे उन्होंने कुशलतापूर्वक संभाला।

यादों का अंतहीन सिलसिला

मदन गोपाल शर्मा ने कहा, "आज मेरे दोस्त ओम प्रकाश चौटाला हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी। उनके साथ बिताए गए दिन और हमारी दोस्ती के अनगिनत पल हमेशा मेरे दिल में रहेंगे। बचपन की उनकी शरारतें और उनके साथ बिताए समय की बातें कभी नहीं भूल सकता।"

हरियाणा की जनता के दिलों में जगह

ओम प्रकाश चौटाला के योगदान को हरियाणा की जनता कभी नहीं भूलेगी। उनके निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। राजनीति, समाज और विकास में उनकी भूमिका हमेशा याद की जाएगी।

उनकी दोस्ती, संघर्ष, और नेतृत्व के किस्से हमें सिखाते हैं कि सच्चे नेता अपने जीवन के हर चरण में दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं।

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